इंदौर, 31 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर के दूषित पेयजल कांड में अधिकारियों की चूक स्वीकार करते हुए बुधवार को कहा कि इस मामले के दोषी अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा, भले ही वे कितने भी बड़े पद पर क्यों न हों।
स्थानीय नागरिकों ने शहर के भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त के प्रकोप से आठ लोगों की मौत का दावा किया है, जबकि प्रशासन का कहना है कि डायरिया से केवल तीन मरीजों की जान गई है।
अधिकारियों ने बताया कि गुजरे एक हफ्ते के दौरान भागीरथपुरा क्षेत्र में उल्टी-दस्त के प्रकोप से 1,100 से ज्यादा लोग किसी न किसी रूप में प्रभावित हुए हैं जिनमें से 111 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया गया है।
भागीरथपुरा, विजयवर्गीय के विधानसभा क्षेत्र ‘इंदौर-1’ में आता है। दूषित पेयजल कांड के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा,‘‘मुझे लगता है कि चूक तो हुई है, लेकिन अभी इस बारे में चर्चा करने से अच्छा है कि हम पहले सभी मरीजों को स्वस्थ करें और सकारात्मक वातावरण बनाएं।’’
विजयवर्गीय ने कहा कि दूषित पेयजल कांड के किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, भले ही वह कितने भी बड़े स्तर का अधिकारी हो।
दूषित पेयजल से मरने वाले लोगों की मौत के आंकड़ों को लेकर विरोधाभास पर उन्होंने कहा,‘‘मैं अभी इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा क्योंकि कुछ लोगों की स्वाभाविक मौत हुई है, जबकि कुछ लोगों की मौत इस घटना (दूषित पेयजल कांड) में भी हुई है। इसलिए चिकित्सकों और प्रशासन की जांच के बाद हम आंकड़े बताएंगे।’’
काबीना मंत्री ने बताया कि भागीरथपुरा में उल्टी-दस्त के मरीजों की तादाद कम हुई है, पर अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर उनके आने का सिलसिला जारी है।
विजयवर्गीय ने बताया कि भागीरथपुरा क्षेत्र में चार एम्बुलेंस और चिकित्सा कर्मियों के अलग-अलग दल तैनात हैं।
उन्होंने बताया कि शहर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय और निजी क्षेत्र के श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में उल्टी-दस्त के मरीजों के लिए अलग वॉर्ड बनाए गए हैं।
काबीना मंत्री ने कहा कि भागीरथपुरा क्षेत्र के निजी अस्पतालों से कहा गया है कि सभी मरीजों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी।
नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव ने बताया कि भागीरथपुरा में जलापूर्ति की मुख्य पाइपलाइन में उस जगह लीकेज मिला है जिसके ऊपर एक शौचालय बना है। उन्होंने कहा कि संभवतः इस लीकेज के कारण ही पेयजल दूषित हुआ।
प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देशों के बाद भागीरथपुरा में नगर निगम के एक जोनल अधिकारी और एक सहायक इंजीनियर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और एक प्रभारी सब इंजीनियर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
अधिकारी ने बताया कि दूषित पेयजल कांड की जांच के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की समिति गठित की गई है।
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