मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाले की उम्रकैद की सजा हुई कम, हाईकोर्ट का जबाव- इतना तो रहम किया कि पीड़िता को ज़िंदा छोड़ दिया

High Court's decision: मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाले की उम्रकैद की सजा हुई कम, हाईकोर्ट का जबाव- इतना तो रहम किया कि पीड़िता को ज़िंदा छोड़ दिया

मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाले की उम्रकैद की सजा हुई कम, हाईकोर्ट का जबाव- इतना तो रहम किया कि पीड़िता को ज़िंदा छोड़ दिया

Highcourt decision on OBC reservation

Modified Date: November 29, 2022 / 08:41 pm IST
Published Date: October 23, 2022 1:56 pm IST

High Court’s decision: इंदौर। मध्य प्रदेश हाइकोर्ट की इंदौर बेंच ने एक मामले में ऐसा फैसला सुनाया जिसे सुनकर हर कोई सन्न रह गया। इंदौर बेंच ने 4 साल की मासूम के साथ हुए बलात्कार के दोषी की सजा को कम कराने को लेकर कठोर कारावास का फैसला सुनाते वक्त कहा। कोर्ट ने उम्रकैद की सजा को कम कर 20 साल का कठोर कारावास कर दिया। साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दोषी ने इतना रहम तो किया कि पीड़िता को जिंदा छोड़ दिया। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर और जस्टिस एसके सिंह की बेंच ने याचिकाकर्ता की दोषसिद्धि में कोई खामी नहीं पाई। कोर्ट ने कहा कि हालांकि, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि उसने पीड़िता को जीवित छोड़ दिया, इसकी आजीवन कारावास की सजा को कम किया जा सकता है। उसे 20 साल कठोर कारावास की सजा काटनी होगी।

ये भी पढ़ें- मानवता हुई शर्मसार! पहले मासूम की बेरहमी से की पिटाई, फिर मुंह में डाला मिर्ची पाउडर, जानें क्या है पूरा मामला

2007 में किया था दुष्कर्म

High Court’s decision: बता दें कि दवा और जड़ी-बूटी बेचने वाले रामसिंह को 4 साल की बच्ची के साथ टेंट में रेप करने का दोषी पाया गया था। कोर्ट के आदेश के मुताबिक, 31 मई 2007 को रामसिंह ने नाबालिग को एक रुपये का लालच देकर टेंट में बुलाया और उसके साथ दरिंदगी की। इस मामले में कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके बाद दोषी के वकील ने अदालत को बताया कि रामसिंह को इस मामले में झूठा फंसाया गया था, कि वह अपनी गिरफ्तारी के समय से पहले ही 15 साल जेल में बिता चुका है। राज्य की तरफ से पेश हुए वकील ने रामसिंह की अपील का विरोध करते हुए कहा कि वह किसी तरह की नरमी का हकदार नहीं हैं।

 ⁠

ये भी पढ़ें- Rajiv Gandhi Foundation: गांधी परिवार से जुड़ा इस फाउंडेशन का लाइसेंस हुआ रद्द, ट्रस्टी में पूर्व प्रधानमंत्री सहित इन दिग्गजों का नाम शामिल

कोर्ट ने की टिप्पणी- पीड़िता को जीवित तो छोड़ दिया

High Court’s decision: हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने अपने आदेश में कहा, “याचिकाकर्ता के राक्षसी कृत्य को देखते हुए जिसे एक महिला की गरिमा के लिए कोई सम्मान नहीं है और चार साल की बच्ची के साथ भी यौन अपराध करने की प्रवृत्ति रखता है। यह अदालत इसे एक उपयुक्त मामला नहीं मानती है। हालांकि, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि उसने पीड़िता को जीवित छोड़ दिया, इतना रहम तो किया। इस अदालत का मानना है कि आजीवन कारावास को कम कर 20 साल का कठोर कारावास किया जा सकता है।”

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें


लेखक के बारे में

विगत 2018 से मीडिया क्षेत्र में कार्यरत्त हूं। इलेक्ट्रनिक मीडिया के साथ डिजिटल मीडिया का अनुभव है। Jake of All Master Of None...