Indore Digital Payment Fraud: पहले पहुंचते थे दुकान.. QR कोड स्कैन करते ही निकाल लेते थे पैसे, पुलिस के हत्थे चढ़े ठगों ने ठगी की तरीके का खुद किया खुलासा

फर्जी फोन पे ऐप से धोखाधड़ी, सावधान रहें...Indore Digital Payment Fraud: Fraud through fake Phone Pay app, be careful...Police caught two

  • Reported By: Ravi Sisodiya

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  • Publish Date - June 8, 2025 / 04:35 PM IST,
    Updated On - June 8, 2025 / 04:35 PM IST

Indore Digital Payment Fraud

HIGHLIGHTS
  • नकली PhonePe ऐप से ठगी का मामला,
  • ठगी करने वाले दो शातिर आरोपी गिरफ्तार,
  • कनाडिया पुलिस ने 25 से अधिक मामलों का किया खुलासा

इंदौर: Indore Digital Payment Fraud:  कनाडिया थाना पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो ऐसे शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो नकली PhonePe एप्लिकेशन के जरिए अब तक 25 से अधिक लोगों को लाखों रुपए की चपत लगा चुके हैं। आरोपी विशेष रूप से पेट्रोल पंप, भीड़-भाड़ वाली दुकानों और बुजुर्ग व्यक्तियों को अपना निशाना बनाते थे।

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Indore Digital Payment Fraud:  आरोपियों की पहचान सुरेश परमार और धीरज गोयल के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, ये दोनों नकली PhonePe ऐप का इस्तेमाल कर नकद लेनदेन करते थे। जब भी कोई व्यापारी या कर्मचारी उनसे पैसे लेने के बदले नकद देता तो ये लोग फर्जी ट्रांजैक्शन स्क्रीन दिखाकर वहां से रफूचक्कर हो जाते। मामला तब उजागर हुआ जब एक पेट्रोल पंप कर्मचारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। कर्मचारी ने बताया कि आरोपी मेडिकल इमरजेंसी का हवाला देकर उससे 6000 रुपए का नकद लेन-देन कर गए लेकिन बाद में पता चला कि ट्रांजैक्शन फर्जी था और उसके खाते में कोई रकम नहीं आई। जब कर्मचारी ने अपने साथी से इस बात का जिक्र किया तो उसने भी ऐसी ही ठगी की बात बताई।

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Indore Digital Payment Fraud:  पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया और जब उनके मोबाइल की जांच की गई तो उसमें Telegram से डाउनलोड की गई एक नकली PhonePe ऐप पाई गई। यह ऐप हूबहू असली ऐप की तरह दिखती थी, जिसमें ट्रांजैक्शन स्कैनर, नाम, और अन्य विवरण असली जैसे नजर आते हैं लेकिन असल में कोई पैसा ट्रांसफर नहीं होता। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने इस तरीके से अब तक 25 से अधिक स्थानों पर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। उनका मुख्य निशाना वे लोग होते थे जो डिजिटल पेमेंट के भरोसे पर तुरंत नकद दे देते हैं।

"नकली PhonePe ऐप ठगी" का मामला कैसे सामने आया?

यह मामला तब उजागर हुआ जब एक पेट्रोल पंप कर्मचारी को ट्रांजैक्शन के फर्जी होने का शक हुआ और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

"नकली PhonePe ऐप" कहां से डाउनलोड की गई थी?

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी नकली ऐप Telegram से डाउनलोड करते थे।

"इंदौर PhonePe ठगी" में कितने लोग शामिल थे?

इस मामले में दो आरोपी—सुरेश परमार और धीरज गोयल—को गिरफ्तार किया गया है।

"PhonePe ठगी से बचने के उपाय" क्या हैं?

हमेशा ट्रांजैक्शन पूरा होने के बाद ही नकद दें, ट्रांजैक्शन की पुष्टि बैंक SMS या ऐप के ऑफिशियल नोटिफिकेशन से करें, और फर्जी स्क्रीनशॉट पर भरोसा न करें।

"PhonePe नकली ऐप" असली ऐप से कैसे अलग होती है?

नकली ऐप दिखने में असली जैसी होती है लेकिन वह सिर्फ स्क्रीनशॉट या फर्जी इंटरफेस दिखाती है; असल में कोई पैसा ट्रांसफर नहीं होता।