जबलपुर। अस्पतालों की तरह अब शासकीय और अशासकीय कॉलेजों का भी फायर सेफ्टी ऑडिट होगा ताकि कॉलेज भवनों में अग्नि सुरक्षा संसाधनों की उपलब्धता सहित अन्य जांच की जाएगी। दरअसल, उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में भोपाल के सतपुड़ा भवन में हुई अग्निदुर्घटना को देखते हुए यह कदम उठाया है। कॉलेजों के फायर सेफ़्टी ऑडिट की जवाबदारी उच्च शिक्षा विभाग ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय को सौंपी है।
उच्च शिक्षा विभाग ने अपने निर्देश में आरडीविवि प्रशासन से फायर सेफ़्टी ऑडिट करवा कर यह पता लगाने कहा कि अग्नि हादसा होने पर महाकौशल के कॉलेजों में अग्नि दुर्घटना होने पर बचाव के क्या-क्या इंतजाम है और जो इंतजाम है क्या वह नगर निगम, नगर पालिकाओं के फ़ायर विभाग के मुताबिक है या नहीं। यदि ऑडिट में कोई कमियां पाई जाती है तो उन्हें तत्काल दूर किया जाए। दरअसल कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 1 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग ने रानी दुर्गावती विश्विद्यालय को कॉलेजों का फायर सेफ़्टी ऑडिट कराने की जिम्मेदारी देते हुए कॉलेजों के प्रिंसिपलों को निर्देश जारी किए हैं।
इसके लिए कॉलेजों को बाकायदा नवीन शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पूर्व 30 जून 2023 तक कॉलेज भवन, शिक्षण विभाग, छात्रावास भवन का फायर सेफ्टी ऑडिट कराने की डेडलाइन दी गई। इस मियाद के अंदर कॉलेजों को काम करना होगा। रानी दुर्गावती विवि के कुलसचिव के मुताबिक, फायर आडिट के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों और अग्निश्मन विभाग के अधिकारियों का संयुक्त दल गठित किया जाएगा। संयुक्त दल कॉलेजों और छात्रावासों में अग्निहादसों से बचाव के लिए अग्निशमन यंत्रों और सुरक्षा मापदंडों की जांच करेगा। IBC24 से अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट
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