Jabalpur Paddy Registration: जिसके पास नहीं है एक इंच भी जमीन.. वो बन गए किसान! उपार्जन केंद्रों में करवा रहे थे अपना पंजीयन, ऐसे खुली पोल

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में धान के उपार्जन से पहले फर्जी पंजीकरण का बड़ा मामला सामने आया है। सिहोरा तहसील में अपात्र लोगों ने बिना जमीन और दस्तावेज के फर्जी सिकमीनामा के आधार पर उपार्जन सूची में अपना नाम जोड़ा। राज्य सरकार ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं और 12 दिसंबर तक जांच पूरी करने का लक्ष्य रखा है।

  • Reported By: Vijendra Pandey

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  • Publish Date - November 29, 2025 / 07:35 PM IST,
    Updated On - November 29, 2025 / 07:37 PM IST

Jabalpur News/ Image Source : IBC24

HIGHLIGHTS
  • सिहोरा तहसील में बिना खेत और दस्तावेज़ के फर्जी सिकमीनामा के आधार पर किसानों ने पंजीकरण कराया।
  • राज्य सरकार ने 12 दिसंबर तक सिकमीनामा की जांच करने का आदेश दिया है और इसे सार्वजनिक किया जाएगा।
  • केवल योग्य किसानों को ही धान उपार्जन के लिए समर्थन मूल्य का लाभ मिलेगा।

Jabalpur News जबलपुर: मध्य प्रदेश में धान का उपार्जन शुरू होने से पहले ही बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। सिहोरा तहसील में अपात्र लोगों ने बिना किसी खेत और दस्तावेज के अपना नाम उपार्जन सूची में जोड़कर पंजीकरण करवा लिया। जबलपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में ऐसे पंजीकरण की जानकारी सामने आई है, जिसके चलते राज्य सरकार ने सिकमीनामा की जांच के आदेश दिए हैं।

फर्जी सिकमीनामा के आधार पर किया गया पंजीकरण

Jabalpur News मिली जानकारी के अनुसार, सिहोरा तहसील में ऐसे लोगों के नाम भी उपार्जन सूची में जोड़ दिए गए हैं, जिनके पास ना तो खेत हैं और ना ही खेती के दस्तावेज। आशंका है कि खेती की ज़मीन को किराए पर लेने के फर्जी सिकमीनामा के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराया गया है।

पात्र किसानों को ही मिलेगा समर्थन मूल्य

Jabalpur News जबलपुर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह का कहना है कि जबलपुर में ही करीब साढ़े चार हजार हेक्टेयर ज़मीन पर सिकमी नामा की बात सामने आई है, जिनकी जांच अब शासन के निर्देश पर 12 दिसंबर से पहले कर ली जाएगी। उनका कहना है कि जिले में सभी सिकमीनामा की जानकारी को जिला प्रशासन अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सार्वजनिक करने जा रहा है, ताकि गड़बड़ियों की सीधी शिकायत जनता के जरिए उन तक पहुंच सके। कलेक्टर ने कहा कि सिर्फ पात्र किसानों को ही समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का लाभ मिल पाएगा।

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सिकमीनामा क्या है?

सिकमीनामा एक तरह का समझौता होता है, जिससे किराए पर ज़मीन ली जाती है, लेकिन फर्जी सिकमीनामा का मतलब बिना वास्तविक दस्तावेज़ के इसे दिखाना है।

फर्जी पंजीकरण के मामले में क्या कार्रवाई होगी?

राज्य सरकार फर्जी पंजीकरण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी, और केवल पात्र किसानों को ही समर्थन मूल्य पर धान मिलेगा।

कब तक सिकमीनामा की जांच पूरी की जाएगी?

सिकमीनामा की जांच 12 दिसंबर से पहले पूरी की जाएगी और सभी फर्जी पंजीकरणों को हटाया जाएगा।