Khargone Ki Anokhi Holi: खरगोन में ब्रज की तर्ज पर खेली जाती है 40 दिनों की होली, भक्त अबीर-गुलाल लेकर भगवान के साथ खेलते हैं फाग

Khargone Ki Anokhi Holi: भगवान गोवर्धननाथजी की हवेली में ब्रज की तर्ज पर 40 दिनों तक अनोखी होली खेलने की परंपरा आज भी लगातार जारी है।

Khargone Ki Anokhi Holi | Source : IBC24

HIGHLIGHTS
  • भगवान गोवर्धननाथजी की हवेली में ब्रज की तर्ज पर 40 दिनों तक अनोखी होली खेलने की परंपरा है।
  • आज धुलेंडी पर 40 दिन की अनोखी होली का समापन हुआ।
  • सैकडो की संख्या में भक्त भगवान श्रीठाकुर जी के साथ रंग में रंगे नजर आए।

खरगोन। Khargone Ki Anokhi Holi: एमपी के खरगोन शहर के भगवान गोवर्धननाथजी की हवेली में ब्रज की तर्ज पर 40 दिनों तक अनोखी होली खेलने की परंपरा आज भी लगातार जारी है। आज धुलेंडी पर 40 दिन की अनोखी होली का समापन हुआ। जहां सैकडो की संख्या में भक्त भगवान श्रीठाकुर जी के साथ रंग में रंगे नजर आए। इस दौरान श्रद्धालुओ में अपार आस्था और श्रद्धा नजर देखी गई। इस मंदिर में बृज की तर्ज पर बंसत पंचमी से धुलेंडी तक आस्था और श्रद्धा के साथ भगवान ठाकुरजी के साथ 40 दिनों तक प्रतिदिन श्रद्धालु होली खेलते है।

read more: Gulaal is banned in Omkareshwar Mandir: महाकालेश्वर के बाद ओंकारेश्वर मंदिर में भी सख्ती! गर्भ गृह में गुलाल पर पाबंदी, कलेक्टर ने लगाया प्रतिबंध 

Khargone Ki Anokhi Holi : खास बात यह है की मंदिर में टेशू के फूलों से प्राकृतिक रंग तैयार किये जाते है। वही आज धुलेंडी पर गीले रंगो के साथ ही अबीर और गुलाल के साथ सूखे रंग से होली खेली जाती है। ठाकुर जी की हवेली में वैष्णव संप्रदाय से जुड़े लोग बड़ी संख्या में पहुंचे। जहां भगवान ठाकुर जी के चार दर्शनों के साथ ही रंगो से सराबोर फॉग उड़ाया जाता है। भगवान के इसी रंग में रंगने के लिए खासतौर पर बच्चो में खासा उत्साह दिखाई दिया। ब्रज की तर्ज पर मंदिर में होली के रसिया गीतो पर महिलाएं गोपियां बनकर जमकर नृत्य करती है।

इस दौरान आस्था और भगवान के प्रति भक्ति भी दिखाई देती है। मंदिर में होली के दौरान मुखियाजी द्वारा उड़ाए जाने वाले गीले और सूखे रंग को हर कोई अपने ऊपर डलवाने के लिये आतुर नजर आता है। श्रद्धालुओ का मानना है की गोवर्धननाथ मंदिर में ब्रज की तर्ज पर हर वर्ष 40 दिनों तक जमकर होली खेली जाती है। भगवान ठाकुर जी के साथ हर कोई श्रद्धालु होली खेलना चाहता है। मंदिर में होली के रसिया गीत के दौरान महिलाएं, पुरुष और बच्चे ढोलक की थाप पर जमकर नृत्य करते नजर आते है।

खरगोन की अनोखी होली क्या है?

खरगोन शहर में भगवान गोवर्धननाथजी की हवेली में बृज की तर्ज पर 40 दिनों तक अनोखी होली खेली जाती है, जो बंसत पंचमी से धुलेंडी तक चलती है। इस दौरान श्रद्धालु हर दिन भगवान ठाकुरजी के साथ होली खेलते हैं।

खरगोन की होली में प्राकृतिक रंगों का उपयोग क्यों किया जाता है?

खरगोन में होली खेलने के दौरान प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है, जो टेशू के फूलों से तैयार किए जाते हैं। यह वातावरण को शुद्ध रखते हैं और रंगों में अधिक ताजगी प्रदान करते हैं।

खरगोन की होली में कौन सी खास परंपराएं होती हैं?

खरगोन की होली में बृज की तर्ज पर भगवान ठाकुरजी के साथ होली खेली जाती है। श्रद्धालु ढोलक की थाप पर होली के रसिया गीतों पर नृत्य करते हैं और रंगों से सराबोर फॉग उड़ाया जाता है।

खरगोन की अनोखी होली के दौरान किस तरह के रंग खेले जाते हैं?

खरगोन में धुलेंडी पर गीले रंगों के साथ अबीर, गुलाल और सूखे रंगों से होली खेली जाती है। मंदिर में श्रद्धालु भगवान के रंग में रंगने के लिए उत्साहित रहते हैं।

खरगोन की होली में महिलाओं की क्या भूमिका होती है?

खरगोन की होली के दौरान महिलाएं गोपियां बनकर होली के रसिया गीतों पर नृत्य करती हैं। यह पारंपरिक और धार्मिक उत्सव का हिस्सा है, जिसमें महिलाएं बड़ी श्रद्धा से भाग लेती हैं