Reported By: Monish verma
,देवास: Madhya Pradesh News मध्यप्रदेश के देवास में भाजपा के पूर्व विधायक के बेटे ने जहर खाकर सुसाइड की कोशिश की है। युवक को उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका उपचार जारी है। उसके पास से चार पेज का सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें पत्नी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। पूर्व विधायक के बेटे की खुदकुशी की कोशिश से इलाके में सनसनी फैल गई है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।
Madhya Pradesh News मिली जानकारी के अनुसारमध्य प्रदेश के देवास जिले की सोनकच्छ सीट के पूर्व विधायक और भाजपा के नेता सुरेंद्र वर्मा के बेटे प्रमोद वर्मा की शादी को 15 साल हो चुके हैं। शादी के एक साल बाद से ही पति-पत्नी के बीच विवाद शुरू हो गया था। युवक के पिता पूर्व विधायक सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि प्रमोद बिल्डिंग मटेरियल की दुकान संचालित करता है। उसके बच्चे भी है। उन्होनें उनके बेटे की पत्नी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी पत्नी आए दिन विवाद करती थी। पूर्व में हमारे खिलाफ प्रमोद की पत्नी ने इंदौर के महिला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसका प्रकरण न्यायालय में चल रहा था। समाज के कुछ लोगों ने मिलकर राजीनामा करा दिया था। उसके बाद प्रमोद पर उसकी पत्नी निरंतर दबाव बनाकर कहती थी कि उसे इंदौर रहना है। प्रमोद इस बात के लिए मना कर चुका था। इस बात को लेकर उसके ससुराल वाले भी प्रताडि़त करते थे। उन्होंने कहा कि आए दिन विवाद होते देख मैंने मृदुल विहार में मकान दिलाकर दिया था। वहां करीब 5 वर्षों से अलग रह रहे थे। वहां भी विवाद होते थे। कल भी रात को विवाद हुआ, जिस कारण आज उसने जहरीला पदार्थ खा लिया।
चार पेज के सुसाइड नोट में प्रमोद ने उसकी पत्नी, सास, व दो सालों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। पत्नी के महिला थाने में पूर्व में की गई शिकायत का भी जिक्र है। नोट के अंतिम पेज पर उसने पिता और मां से माफी मांगते हुए लिखा है कि मुझे माफ कर देना। मैं एक अच्छा बेटा, भाई व अच्छा पिता नहीं बन पाया। कभी शादी मत करना, यह जरूरी नहीं है। मैं अपना जीवन समाप्त कर रहा हूं। मेरी मौत की जिम्मेदार मेरी पत्नी, सास, साला है। जिन्होंने मुझे मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित कर दिया है। मेरा विवाह 2009 में हुआ था। अपना आत्मसम्मान और स्वाभिमान बचाने के लिए लड़ना पड़ेगा। मैं एक अच्छे परिवार से हूं मेरे पिताजी विधायक रह चुके हैं। परंतु उन्होंने अपना जीवन सादगी और ईमानदारी से जीया। कभी भी अपने पद का दुरुपयोग नहीं किया। हमारा परिवार संयुक्त परिवार है। हम पूरे परिवार ने कभी जाने अंजाने में कभी किसी से दुश्मनी नहीं रखी। मेरा सरकार से कहना है कि बेटी बचाना-बेटी पढ़ाना बंद करो। यही कारण है इन्होंने कई घरों के चिराग बुझा दिए।