इंदौर (मध्यप्रदेश), 30 दिसंबर (भाषा) देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में कथित तौर पर दूषित पानी पीने के कारण 30 से ज्यादा लोग बीमार हो गए जिसके बाद प्रशासन ने पेयजल के नमूनों को जांच के लिए भिजवाया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सूबे के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि सभी मरीजों को त्वरित और गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान किया जाए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. माधव प्रसाद हासानी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शहर के भागीरथपुरा क्षेत्र के कम से कम 32 लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं।
उन्होंने बताया,‘‘मरीजों का कहना है कि दूषित पानी पीने के बाद उन्हें उल्टी-दस्त और शरीर में पानी की कमी की दिक्कतें शुरू हो गईं।’’
हासानी ने बताया कि भागीरथपुरा क्षेत्र से पेयजल के नमूने लिए गए हैं जिनकी जांच रिपोर्ट 48 घंटे के भीतर आएगी।
भागीरथपुरा के लोगों का कहना है कि वे नगर निगम के नल कनेक्शन के जरिये घर-घर पहुंचने वाला नर्मदा नदी का पानी पीने से बीमार हुए।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया,‘‘हमने इस पानी के नमूने लेकर जांच के लिए भिजवाए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।’
इंदौर, अपनी पानी की जरूरतों के लिए नर्मदा नदी पर निर्भर है। नगर निगम की बिछाई पाइपलाइन के जरिये नर्मदा नदी के पानी को पड़ोसी खरगोन जिले के जलूद से 80 किलोमीटर दूर इंदौर लाकर घर-घर पहुंचाया जाता है।
भाषा हर्ष मनीषा
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