भोपालः मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा सेन जो खबर सामने आई, उसने सबका दिल दहला दिया। कहा जा रहा है कि कफ सिरप की वजह से 9 मासूमों की मौत हुई है। इन बच्चों की किडनी फेल होने का खुलासा भी बायोप्सी रिपोर्ट से हुआ है। मामला सामने आते ही छिंदवाड़ा कलेक्टर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो कफ सिरप पर बैन लगाया है। वहीं खाद्य विभाग ने भी जबलपुर स्थित डीलर के यहां सैंपल जप्त किए हैं। वहीं सरकार बच्चों की मौत का कारण जानने के लिए जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
छिंदवाड़ा जिले के परासिया क्षेत्र में फैली रहस्यमय बीमारी की परतें अब खुलने लगी हैं। वायरोलॉजिकल लैब से आए तीन सैंपलों की जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि किडनी फेल होने का प्रमुख कारण मल्टीपल एंटीबायोटिक ड्रग्स हो सकता है। इलाके में बीते 1 महीने के अंदर 9 से ज्यादा बच्चों की मौत किडनी फेल होने के चलते होना बताया जा रहा है। मासूमों को खोने वाले परिवार के हाल बेहाल है। ये कफ सिरप परिजन सर्दी खांसी की शिकायत के बाद स्थानीय डॉक्टरों और मेडिकल दुकानों से खरीदकर पिला रहे थे। बच्चों की हालत इतनी खराब हुई कि नागपुर का इलाज भी उन्हें बचा नहीं पाया। मासूमों की मौत के चलते भोपाल से दिल्ली तक तमाम विभाग एक्टिव हो गए। बायोप्सी रिपोर्ट से पता चला की किडनी से संबंधित बीमारी है। 2022 में जांबिया में भी इंडिया से भेजी गई दवा के चलते छोटे-छोटे बच्चों में ऐसे ही सिंपटम के चलते मौत हुई थी। तब इन मौतों का कारण पीडियाट्रिक यानी बच्चों की दवाई थी, इसलिए प्रशासन ने आनन फानन में दो कफ सिरप को बैन कर दिया।
फिलहाल दवाइयों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। उधर इसपर सियासत भी शुरू हो गई है। छिंदवाड़ा में मासूमों की लगातार मौतों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को हिला दिया है,प्रशासन मान रहा है बच्चों की मौत कफ सिरप के चलते हुई है तो सरकार रिपोर्ट का इंतजार करने की बाट जोह रही है। विपक्ष सरकार पर सवाल उठा रहा है तो तो बच्चे प्रशासन और सरकार की नाकामी के चलते मौत का घूंट पी रहे हैं।