अब ‘लीटर’ पर लड़ाई.. ये क्या पॉलिटिक्स है भाई! क्या महंगाई की लड़ाई आटे की लीटर और किलो में उलझ कर रह गई?

अब 'लीटर' पर लड़ाई.. ये क्या पॉलिटिक्स है भाई! Politics started after Congress leader Rahul Gandhi slipped his tongue

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  • Publish Date - September 6, 2022 / 12:03 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

(रिपोर्टः विवेक पटैया) भोपालः पेट्रोल, डीजल, सरसों का तेल, दूध और आटे-दाल के भाव सातवें असमान पर हैं। ये बताने के लिए कांग्रेस दिल्ली के रामलीला मैदान गई थी। लेकिन वहां कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय नेता राहुल गांधी की जुबान फिसल गई। वो आटे का भाव बातते-बताते लीटर और केजी में फंस गए। जिसे बीजेपी ने मुद्दा बना लिया। हालांकि कांग्रेस ने जो सवाल उठाया था उसका जवाब सत्ता पक्ष की तरफ़ से नहीं आया। ऐसे में सवाल ये हैं कि अगर किसी की जुबान फिसल जाएगी तो जनता की आवाज़ दबा दी जाएगी। सवाल ये भी है आज से पहले किसी राजनेता की जुबान नहीं फिसली थी? फिसली थी न…ये आप भी जानते हैं और हम भी जानते हैं…लेकिन आपकी बात तो रह गई न…इसलिए हमें ये लिखना पड़ा कि ये क्या पॉलिटिक्स है भाई!

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दिल्ली के रामलीला मैदान में महंगाई, बेरोजगारी और GST के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते-घेरते राहुल गांधी की जुबान फिसल गई। दरअसल UPA के शासन काल में गैस, तेल, दूध आटा का भाव बता रहे थे। तभी अचानक उनकी जुबान फिसल गई और उन्होंने आटे का भाव 40 रुपए लीटर बता दिया। हालांकि राहुल गांधी ने अपनी गलती सुधार कर लीटर के जगह केजी बोला। लेकिन अब तो तीर कमान से निकल चुका था। फिर क्या था सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स को एक बार फिर से राहुल गांधी की मौज लेने का मौका मिल गया। मौके पर चौका मारते हुए बीजेपी ने भी बहती गंगा में अपना हाथ धो लिया।

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बीजेपी के हमले के बाद कांग्रेस भी जवाबी हमला करने के लिए बीजेपी नेताओं के सुर्ख़ियों में रहे बयानों को बाहर निकालकर वायरल करने में जुटा है। लीटर वाले बयान पर मचे राजनीतिक बवाल के बाद राहुल के बचाव में उतरी कांग्रेस बीजेपी नेताओं के नीयत पर सवाल उठा रही है। रामलीला मैदान में राहुल गांधी की जुबान क्या फिसली महंगाई पर शुरू हुई लड़ाई अब आटे की लीटर और किलो में उलझ कर रह गई है।