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ग्वालियर: Price of Land जमीन की कीमतें बढ़ सकती हैं। मूल्यांकन समिति ने जमीनों के दाम 15 फीसदी बढ़ाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। ऐसे में विपक्ष के साथ चैंबर ऑफ कॉमर्स भी प्रस्ताव के विरोध में उतर आया है।
Price of Land ग्वालियर जिले के कई क्षेत्रों में अब जमीन खरीदना महंगा हो सकता है, क्योंकि मूल्यांकन समिति ने जमीन की कीमतों में औसतन 15 फीसदी इजाफे के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। ये फैसला सात साल से जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होने पर लिया गया है। बोगस या सरकारी जमीन पर बनी अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री कर विभाग में चोरी को बढ़ावा देने वाली 12 सौ 57 लोकेशन मर्ज कर दी गई है। जिन क्षेत्रों में विकास ज्यादा हो रहा है, वहां पर 195 नई लोकेशन भी बनी हैं। इनमें सबसे ज्यादा 153 शहरी क्षेत्र की हैं।
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हालांकि साल 2022-23 में भी रेट बढ़ेंगे या नहीं, इस पर अंतिम फैसला भोपाल में केंद्रीय मूल्यांकन समिति लेगी। अब इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। वहीं, चैंबर ऑफ कॉमर्स सीएम को उस आदेश की याद दिला रहा है जिसमें वो कह रहे हैं कि जमीनों की कीमत बढ़ने नहीं देंगे।
वहीं, बीजेपी का कहना है कि जमीनों के लिए कलेक्टर दर निर्धारित करना रूटीन की प्रक्रिया है। हर साल प्रस्ताव पर चर्चा होती है। माना जा रहा है कि भोपाल में केंद्रीय मूल्यांकन समिति प्रस्ताव को हरी झंडी दे सकती है, क्योंकि पिछले सात साल से जमीनों की कीमतें नहीं बढ़ी हैं। ये बात अलग है कि प्रदेश के बाकी जिलों की तुलना में ग्वालियर में जमीनों की कीमत पहले से ही ज्यादा है।
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