Madhya Pradesh Legislative Assembly| Photo Credit: File
भोपालः मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र जारी है। गुरुवार को सदन में कई संशोधन विधेयकों को चर्चा के बाद पास किया गया। इनमें जन विश्वास संशोधन विधेयक भी शामिल है। इस विधेयक में कई अहम प्रावधान किए गए हैं। इस विधेयक में प्रावधान किया गया है कि बिना अनुमति नगरीय क्षेत्रों में दीवार लेखन या पर्चा चिपकाने वालों को अब कोर्ट कार्रवाई से राहत मिलेगी, लेकिन 2000 रुपये का अर्थदंड देकर ही छोड़ा जाएगा। इसके तहत संबंधित मामले कोर्ट तक नहीं जाएंगे और अधिकारी मौके पर ही जुर्माना लगाने का अधिकार रखेंगे।
इस विधेयक के जरिए नगरीय प्रशासन एवं विकास, ऊर्जा, सहकारिता, श्रम जैसे सात विभागों में जुर्माने को पेनल्टी में बदलने का प्रावधान किया गया है। इससे पहले इन मामूली मामलों को कोर्ट में प्रस्तुत करना होता था, लेकिन अब अधिकारी इनका समाधान मौके पर ही कर सकेंगे। भारत सरकार ने 2023 में इसी तर्ज पर कामकाज की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए जन विश्वास विधेयक पेश किया था। मध्य प्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए संबंधित विभागों के अधिनियमों में संशोधन कर पेनल्टी का विकल्प चुना है। इसके साथ ही कई और प्रावधान किए गए हैं।
गुरुवार को नगर पालिका निगम संशोधन विधेयक पर चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया। इस विधेयक में कई प्रावधान किए गए हैं। प्रावधानों को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक अब मध्यप्रदेश में नगर पालिका अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे। जनता अध्यक्ष उम्मीदवार के लिए सीधे मतदान करेगी। अब तीन साल से पहले नगर निगम अध्यक्ष यानी महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा। पहले 2 तिहाई के आधार पर पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लेकर आते थे, लेकिन सरकार ने अब इसके नियमों में संसोधन कर दिया है। हालांकि इस विपक्ष ने पार्षदों के पॉवर को कम करने का आरोप लगाया है।