Public Trust Amendment Bill: इन मामलों पर अब नहीं जाना होगा कोर्ट, इतने रुपए पेनाल्टी लगाकर मौके पर ही अधिकारी करेंगे निराकरण, विधानसभा इस विधेयक पर लगाई मुहर

इन मामलों पर अब नहीं जाना होगा कोर्ट, इतने रुपए पेनाल्टी लगाकर मौके पर ही अधिकारी करेंगे निराकरण,Public Trust Amendment Bill passed in Madhya Pradesh Assembly

  •  
  • Publish Date - December 19, 2024 / 05:55 PM IST,
    Updated On - December 19, 2024 / 07:39 PM IST

Madhya Pradesh Legislative Assembly| Photo Credit: File

भोपालः मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र जारी है। गुरुवार को सदन में कई संशोधन विधेयकों को चर्चा के बाद पास किया गया। इनमें जन विश्वास संशोधन विधेयक भी शामिल है। इस विधेयक में कई अहम प्रावधान किए गए हैं। इस विधेयक में प्रावधान किया गया है कि बिना अनुमति नगरीय क्षेत्रों में दीवार लेखन या पर्चा चिपकाने वालों को अब कोर्ट कार्रवाई से राहत मिलेगी, लेकिन 2000 रुपये का अर्थदंड देकर ही छोड़ा जाएगा। इसके तहत संबंधित मामले कोर्ट तक नहीं जाएंगे और अधिकारी मौके पर ही जुर्माना लगाने का अधिकार रखेंगे।

Read More : Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ के दौरान क्यों किया जाता है शाही स्नान? और क्या है इसका महत्व? जानें 

इस विधेयक के जरिए नगरीय प्रशासन एवं विकास, ऊर्जा, सहकारिता, श्रम जैसे सात विभागों में जुर्माने को पेनल्टी में बदलने का प्रावधान किया गया है। इससे पहले इन मामूली मामलों को कोर्ट में प्रस्तुत करना होता था, लेकिन अब अधिकारी इनका समाधान मौके पर ही कर सकेंगे। भारत सरकार ने 2023 में इसी तर्ज पर कामकाज की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए जन विश्वास विधेयक पेश किया था। मध्य प्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए संबंधित विभागों के अधिनियमों में संशोधन कर पेनल्टी का विकल्प चुना है। इसके साथ ही कई और प्रावधान किए गए हैं।

Read More : High Court On MP Teacher Recruitment: शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, नियमों में संशोधन होने तक बचे हुए कुल 6 हजार पदों पर भर्ती पर लगाई रोक 

इस विधेयक पर भी सदन की मुहर

गुरुवार को नगर पालिका निगम संशोधन विधेयक पर चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया। इस विधेयक में कई प्रावधान किए गए हैं। प्रावधानों को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक अब मध्यप्रदेश में नगर पालिका अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे। जनता अध्यक्ष उम्मीदवार के लिए सीधे मतदान करेगी। अब तीन साल से पहले नगर निगम अध्यक्ष यानी महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा। पहले 2 तिहाई के आधार पर पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लेकर आते थे, लेकिन सरकार ने अब इसके नियमों में संसोधन कर दिया है। हालांकि इस विपक्ष ने पार्षदों के पॉवर को कम करने का आरोप लगाया है।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp