Rajgarh News: BJP नेता के बेटे की ‘मौत की फर्जी स्क्रिप्ट’, 7 दिन तक पुलिस और परिजन भटकते रहे, फिर ऐसे हुआ भंडाफोड़, सब रह गए दंग

Rajgarh News: BJP नेता के बेटे की "मौत की फर्जी स्क्रिप्ट", 7 दिन तक पुलिस और परिजन भटकते रहे, फिर ऐसे हुआ भंडाफोड़, सब रह गए दंग

  • Reported By: Arun Srivastava

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  • Publish Date - September 18, 2025 / 01:49 PM IST,
    Updated On - September 18, 2025 / 01:49 PM IST

Rajgarh News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • BJP नेता के बेटे की 'मौत की स्क्रिप्ट',
  • 7 दिन तक लाश ढूंढती रही पुलिस,
  • जिंदा निकला महाराष्ट्र से,

राजगढ़: Rajgarh News: फिल्मी अंदाज का एक अजीबो-गरीब मामला मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले से सामने आया है। यहां बीजेपी नेता और जनपद सदस्य महेश सोनी के बेटे विशाल सोनी ने कर्जदारों से बचने के लिए खुद की मौत की झूठी कहानी गढ़ दी। उसने 5 सितंबर को अपनी कार कालीसिंध नदी में गिरा दी और गुम हो गया। परिजनों से लेकर पुलिस तक यही मान बैठी कि वह नदी में डूब चुका है।

एक हफ्ते तक एसडीआरएफ की 4 टीमें 30 किलोमीटर तक नदी खंगालती रहीं। मंत्री तक मौके पर पहुंचे। पूरा परिवार गम में डूबा दिखा। लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आया, जब पुलिस ने बारीकी से जांच शुरू की और धीरे-धीरे इस नकली मौत का सच सामने आने लगा।

फिल्मी अंदाज़ में रचा गया खेल

Rajgarh News: यह मामला किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं। “चुप-चुपके” फिल्म की तरह विशाल ने सोचा कि अगर लोग उसे मृत समझ लेंगे तो कर्जदार भी पीछा छोड़ देंगे। दरअसल, वह करीब 1 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ था। कर्ज से खरीदे मकान का बोझ और लेनदारों का दबाव झेलना मुश्किल हो गया। लिहाज़ा उसने अपनी कार नदी में गिरा दी और खुद गायब हो गया।

पुलिस की शंका ने बदली कहानी

शुरुआत में पुलिस और परिजन पूरी तरह इसको हादसा मान बैठे। पिता महेश सोनी रोते-बिलखते मंत्री गौतम टेटवाल तक पहुंचे। टीमों ने लगातार तलाश की, मगर लाश नहीं मिली। इसी बीच पुलिस को परिवार के बयानों और दिनचर्या में गड़बड़ियां नजर आईं। शक गहराया तो पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल खंगालना शुरू किया। तभी सामने आया कि विशाल की आर्थिक हालत बेहद खराब थी और वह भारी कर्ज में दबा था।

महाराष्ट्र में निकला “ज़िंदा”

Rajgarh News: जब पुलिस पूरी सच्चाई की कड़ियां जोड़ ही रही थी, तभी महाराष्ट्र के संभाजीनगर जिले के फरदापुर थाने से खबर आई कि विशाल वहां पहुंच गया है। उसने पुलिस को बताया कि उसका अपहरण कर लिया गया था और उसे जंगल में कैद करके रखा गया था। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो उसकी “अपहरण की कहानी” ढह गई। आखिरकार उसने खुद कबूल किया कि “मैंने कर्जदारों से बचने के लिए ये सब नाटक किया। कुछ महीनों तक सुकून से रहना चाहता था।”

पुलिस के सवाल, परिवार की उलझन

सारंगपुर SDOP अरविंद सिंह के मुताबिक, विशाल को परिजनों के हवाले कर दिया गया है। लेकिन अब इस पूरे “फर्जी हादसे” की जांच चल रही है कि इसमें परिवार के अन्य सदस्य कितने शामिल थे और किसे क्या जानकारी थी।

नतीजा

Rajgarh News: 7 दिन तक पुलिस, परिजन और प्रशासन एक “लाश” ढूंढते रहे, लेकिन असल में BJP नेता का बेटा अपनी ही लिखी स्क्रिप्ट में छिपा बैठा था। राजगढ़ का यह मामला फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है कर्ज के जाल से बचने के लिए बनाई गई “मौत की स्क्रिप्ट” ने कैसे एक पूरे जिले को 7 दिन तक उलझाए रखा।

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राजगढ़ फर्जी मौत केस क्या है?

"राजगढ़ फर्जी मौत केस" में बीजेपी नेता के बेटे ने खुद को मृत दिखाकर कर्ज से बचने की साजिश रची थी।

"राजगढ़ हादसा" की जांच में पुलिस को क्या मिला?

"राजगढ़ हादसा" की जांच में पुलिस ने पाया कि यह एक जानबूझकर किया गया नाटक था, ताकि कर्जदारों से बचा जा सके।

क्या "राजगढ़ BJP नेता के बेटे" को गिरफ्तार किया गया है?

"राजगढ़ BJP नेता के बेटे" को फिलहाल परिजनों को सौंपा गया है, लेकिन पूरे मामले की जांच जारी है।

क्या "राजगढ़ कर्ज केस" में परिवार की भूमिका की जांच होगी?

हां, पुलिस यह पता लगा रही है कि "राजगढ़ कर्ज केस" में परिवार के अन्य सदस्य शामिल थे या नहीं।

"राजगढ़ कार नदी में गिरने का मामला" कितना बड़ा था?

"राजगढ़ कार नदी में गिरने का मामला" इतना बड़ा था कि SDERF की 4 टीमें एक हफ्ते तक सर्च ऑपरेशन में लगी थीं।