Home » Madhya Pradesh » Rewa Cow Accident: 14 cows crushed by a speeding trailer on national highway, 11 died on the spot, injured kept writhing in pain, administration absent
Rewa Cow Accident: नेशनल हाइवे पर तेज रफ़्तार ट्रेलर ने कुचले 14 गौवंश, 11 की मौके पर मौत, तड़पते रहे घायल, प्रशासन नदारद
नेशनल हाइवे पर तेज रफ़्तार ट्रेलर ने कुचले 14 गौवंश, 11 की मौके पर मौत..Rewa Cow Accident: 14 cows crushed by a speeding trailer on national
Publish Date - June 27, 2025 / 04:00 PM IST,
Updated On - June 27, 2025 / 04:00 PM IST
Rewa Cow Accident | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
कलवारी मोड़ में गौवंशों संग निर्ममता,
NH-30 पर तेज़ रफ्तार ट्रेलर ने कुचले 14 गोवंश,
11 की मौके पर मृत्यु, प्रशासन बना तमाशबीन,
रीवा: Rewa Cow Accident: ज़िले के गढ़ थाना क्षेत्र में आज एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसने न केवल इंसानियत को झकझोर दिया बल्कि गौ-संवर्धन के सरकारी दावों की सच्चाई भी उजागर कर दी। तेज़ रफ्तार ट्रेलर ने सड़क किनारे बैठे 14 गौवंशों को कुचल दिया। इस दर्दनाक हादसे में 11 गायों की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि 3 गंभीर रूप से घायल हैं।
Rewa Cow Accident: स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन को पहले से सूचना दी गई थी, लेकिन कोई इंतज़ाम नहीं किया गया। हादसे के बाद भी घटनास्थल पर कोई अधिकारी, डॉक्टर, एंबुलेंस या रेस्क्यू टीम नहीं पहुँची। घायल पशु तड़पते रहे, मृत गायें घंटों सड़क पर पड़ी रहीं और प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। गौशालाओं और गौ-संवर्धन योजनाओं की हकीकत एक बार फिर सवालों के घेरे में है। करोड़ों रुपये सालाना खर्च होने के बावजूद ज़मीनी हालात बेहद दर्दनाक हैं।
Rewa Cow Accident: यह घटना केवल एक सड़क हादसा नहीं बल्कि एक चेतावनी है। धार्मिक भावनाओं से जुड़ी इस त्रासदी पर वे सभी चुप हैं जो गाय के नाम पर राजनीति करते हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि ‘गौमाता’ अब केवल भाषणों और नारों में जीवित रह गई हैं। जानकारी मिलते ही त्यौंथर तहसीलदार दल-बल के साथ मौके पर पहुँचे लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
इस दर्दनाक हादसे में कुल 14 गायों को ट्रेलर ने कुचल दिया, जिनमें 11 गायों की मौके पर ही मौत हो गई और 3 गंभीर रूप से घायल हैं।
क्या "गायों की मौत" की जानकारी प्रशासन को पहले दी गई थी?
हां, स्थानीय लोगों के अनुसार, प्रशासन को पूर्व सूचना दी गई थी, लेकिन कोई इंतजाम नहीं किया गया, जिससे हादसा हुआ।
क्या "गायों की मौत" के बाद रेस्क्यू या डॉक्टर की टीम मौके पर पहुँची?
घटनास्थल पर घंटों तक कोई डॉक्टर, एंबुलेंस या रेस्क्यू टीम नहीं पहुँची, जिससे घायलों की स्थिति और भी खराब हो गई।
क्या "गायों की मौत" पर प्रशासन ने कोई कार्रवाई की?
त्यौंथर तहसीलदार दल-बल के साथ घटना के बाद मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
"गायों की मौत" के इस मामले में सरकार की गौ-संवर्धन योजना पर सवाल क्यों उठ रहे हैं?
क्योंकि सरकारी योजनाओं के तहत करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद जमीनी स्तर पर कोई सुविधा या सुरक्षा नहीं दिखी, जिससे गौ-संवर्धन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।