प्रदेश के डॉक्टरों और कर्मचारियों का रोका जाएगा वेतन, सरकार ने लिया बड़ा फैसला, 7 जनवरी से करना होगा ये काम

Salary of doctors and employees of MP will be stopped स्कूल शिक्षा विभाग के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने उपस्थिति दर्ज करने

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  • Publish Date - January 6, 2023 / 07:50 PM IST,
    Updated On - January 6, 2023 / 07:54 PM IST

Salary of doctors and employees of MP will be stopped: भोपाल। नए साल में सरकार ने मध्य प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सभी कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने का निर्णय लिया है, इस संबंध में स्वास्थ्य आयुक्त ने निर्देश जारी कर एक सप्ताह में इसे लागू करने का निर्देश भेजा जाएगा। सभी जिलों के मुख्य अधिकारियों को और चिकित्सा कर्मियों और सिविल सर्जनों को दिया गया।

Salary of doctors and employees of MP will be stopped: दरअसल, वर्तमान में मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग में सभी कर्मचारियों की उपस्थिति मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से की जाती है। अब स्वास्थ्य विभाग ने भी सभी कर्मचारियों की मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए हाजिरी लगाने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके नीचे सभी कर्मचारियों का जीपीएस रिकॉर्ड होगा, जिससे डॉक्टरों की मौजूदगी के साथ-साथ उनकी लोकेशन भी पता चल सकेगी।

Salary of doctors and employees of MP will be stopped: स्वास्थ्य आयुक्त ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व चिकित्सा अधिकारियों व सिविल सर्जनों को एक सप्ताह के अंदर इस पर अमल करने का निर्देश दिया है। उसे एक निश्चित अवधि के लिए अस्पताल में रहना होगा। जीपीएस आधारित सार्थक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी। 7 जनवरी के बाद यह सभी के लिए अनिवार्य हो जाएगा। सार्थक एप के माध्यम से हाजिरी नहीं लगाने वाले चिकित्सकों व कर्मचारियों का वेतन रोका जाएगा।

Salary of doctors and employees of MP will be stopped: दिलचस्प बात यह है कि इस व्यवस्था से कर्मचारी-अधिकारी भी छुट्टी के लिए आवेदन कर सकेंगे और मध्य प्रदेश सरकार से कोई भी पत्राचार इसी एप्लीकेशन के जरिए किया जा सकेगा। “सार्थक” मध्य प्रदेश सरकार का एक पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन है। कुछ वार्डों में कलेक्टर तो कुछ जिलों ने सभी वार्डों में इसकी शुरुआत भी कर दी है। समय पर चिकित्सक नहीं मिलने से मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए विभाग ने यह कदम उठाया है।

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