Harda News: इस जिले में बढ़ी यूरिया खाद की किल्ल्त, दो-दो दिन से लाइन में लगे किसानों को भी नहीं मिल रहा खाद, प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप

Harda News: मध्य प्रदेश के हरदा जिले में यूरिया खाद की भारी किल्लत ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। रबी फसलों के लिए इस समय यूरिया आवश्यक है

  • Reported By: Kapil Sharma

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  • Publish Date - December 31, 2025 / 12:57 PM IST,
    Updated On - December 31, 2025 / 01:03 PM IST

Harda News/Image Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • हरदा जिले में यूरिया खाद की भारी किल्लत ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है।
  • किसान सुबह 4 बजे या रात से ही अपनी बारी के इंतजार में डीएमओ और एमपी एग्रो के गोदामों के सामने लाइन लगाकर खड़े हैं।
  • किसानों ने प्रशासन पार गंभीर आरोप भी लगाए हैं।

Harda News: हरदा: मध्य प्रदेश के हरदा जिले में यूरिया खाद की भारी किल्लत ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। रबी फसलों के लिए इस समय यूरिया आवश्यक है, लेकिन हालात ऐसे हैं कि, कड़ाके की ठंड के बावजूद किसान बीते दो-दो दिनों से गोदामों के बाहर कतार में खड़े रहने को मजबूर हैं। कई किसान सुबह 4 बजे या रात से ही अपनी बारी के इंतजार में डीएमओ और एमपी एग्रो के गोदामों के बाहर डटे हुए हैं।

गोदामों में लग रही लंबी कतारें

Harda News:  हैरानी की बात यह है कि, प्रशासनिक दावों के अनुसार जिले में मांग के मुकाबले लगभग 80 प्रतिशत यूरिया खाद आ चूका है, इसके बावजूद जमीनी स्तर पर किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है। गोदामों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हैं, लेकिन अधिकांश किसानों के खाली हाथ लौट रहे हैं। महिला किसानों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे दो दिनों से भूखे-प्यासे लाइन में बैठी हैं, फिर भी उन्हें खाद नहीं दी जा रही है। उनका कहना है कि न तो बैठने की व्यवस्था है और न ही पीने के पानी की कोई सुविधा प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई है, जिससे महिलाओं और बुजुर्ग किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों ने लगाए ये गंभीर आरोप

Harda News:  किसानों का आरोप है कि, बड़े किसानों को आसानी से यूरिया मिल जा रहा है, जबकि छोटे किसानों को बार-बार लाइन में लगने के बावजूद खाद नहीं मिल रही। इधर खंडवा से आई एक छात्रा ने बताया कि, उसे अपनी पढ़ाई छोड़कर पिता के लिए खाद लेने आना पड़ा। छात्रा का कहना है कि उसके पिता पिछले 15 दिनों से खाद के लिए परेशान हैं, लेकिन उनका नंबर नहीं आ पाता। मजबूरी में उसे स्वयं गोदाम आना पड़ा। कुल मिलाकर, जिले में यूरिया खाद वितरण व्यवस्था अव्यवस्थित नजर आ रही है।

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