state will not have to face the power crisis: भोपाल : मध्यप्रदेश में जल्द ही नवकरणीय ऊर्जा नीति 2022 के तहत लोगों को कई सौगात मिलने वाली हैं. इसके लिए सरकार ने तैयारी भी पूरी कर ली हैं. नीति के ड्राफ्ट में बताया गया है कि इसमें ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिससे राज्य को नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश आत्म निर्भर बनेगा साथ ही ऊर्जा उत्सर्जन के लिए भी भारी निवेश प्रदेश में आ सकेगा साथ ही इसका फायदा न सिर्फ सरकार बल्कि आम लोगों को भी होगा। सबसे बड़ी बात तो यह है कि देश में मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य होगा जो नवकरणीय ऊर्जा निर्यातक राज्य के रूप में उभरेगा।
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state will not have to face the power crisis: वही इस बारे में जानकारी देते हुए विभागीय मंत्री हरदीप सिंह डंग ने आईबीसी 24 को बताया कि आने वाले समय में कोयला और बिजली के संकट से प्रदेश को सामना नहीं करना पड़ेगा। नीति में बिजली शुल्क में छूट, बिजली उपकर में छूट, व्हीलिंग शुल्क में छूट के साथ बड़े स्तर पर प्लांट के लिए सरकारी भूमि की खरीदी पर भी रियायत के प्रावधान किए हैं. इसके अलावा हर घर में जरूरत के हिसाब से सिस्टम लगाने की प्लानिंग भी पूरी हो चुकी है. वही नीति को लेकर प्रदेश में सियासत भी तेज हो गई है.. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह नवकरणीय ऊर्जा को लेकर जितना काम कांग्रेस सरकार में हुआ उतना बीजेपी सालों में नहीं कर पाई। कांग्रेस का दावा यह भी है कि नई ऊर्जा नीति का ड्राफ्ट भी बीती कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में ही तैयार किया गया था. जिसका श्रेय अब बीजेपी सरकार ले रही है।