महंगाई पर सियासी प्रोपेगेंडा! महंगाई की आग से झुलस रही जनता को कब मिलेगी राहत? |When will the people who are scorched by the fire of inflation get relief?

महंगाई पर सियासी प्रोपेगेंडा! महंगाई की आग से झुलस रही जनता को कब मिलेगी राहत?

महंगाई की आग से झुलस रही जनता को कब मिलेगी राहत?When will the people who are scorched by the fire of inflation get relief?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : August 26, 2021/10:32 pm IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत हो या फिर रोजमर्रा से जुड़े सामानों के दाम लगातार बढ़ती महंगाई से जनता त्रस्त है, तो दूसरी ओर इसे लेकर सियासत भी चरम पर है। बढ़ती महंगाई के पीछे सत्ता पक्ष और विपक्ष के अपने-अपने तर्क और दावे हैं, लेकिन सवाल आम जनता का है, उसकी बदहाली का है, उसे राहत मिलने का है, वो कब मिलेगी…कैसे मिलेगी…इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।

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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भोपाल से बीजेपी की सांसद हैं, इन्होंने साढ़े तीन लाख से भी ज्यादा वोटों से चुनाव जीता था। ये बताने की ज़रुरत इसलिए भी है, क्योंकि महंगाई पर दिए बयान के बाद भोपाल सांसद एक बार फिर सुर्खियों में हैं। बीजेपी के जिम्मेदार नेता साध्वी के मामले में बयान देने से बच रहे हैं, लेकिन इनके समर्थन में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जरूर खड़े हैं। वीडी शर्मा के मुताबिक पेट्रोल डीजल की कीमतों पर नियंत्रण सरकार के हाथ में नहीं है। बीजेपी के अध्यक्ष का ये बयान तब आ रहा है जब पिछले विधानसभा सत्र में ही सरकार ने ये मान लिया कि पेट्रोलियम पदार्थों पर मध्यप्रदेश सरकार के वैट और एडिशनल टैक्स के जरिए करोड़ों की आमदनी हो रही है।

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दरअसल मध्यप्रदेश में सरकार पेट्रोल डीजल पर 33 फीसदी वैट टैक्स वसूलती है। सरकार 4.5 रुपए प्रति लीटर अतिरिक्त कर भी पेट्रोल डीजल पर वसूल रही है। काऊ सेस और सड़कों के लिए उपकर भी उपभोक्ताओं से वसूली हो रही है। अब आप पेट्रोल डीजल से होने वाली कमाई के वो आंकड़े भी देखिए जिसे विधानसभा में सरकार ने कांग्रेस विधायक के सवाल पर जवाब दिया था कि प्रदेश सरकार के खजाने में 2018 से 2021 पेट्रोल से 13 हजार 259 करोड़ रुपए की आमदनी हुई। 2018 से 2021 तक प्रदेश सरकार ने डीजल से 17 हजार 719 करोड़ रुपए वसूले। MP सरकार को सिर्फ शराब से ही 2 हजार 753 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है।

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बेकाबू होती महंगाई से मध्यप्रदेश की जनता भी परेशान है। रसोई गैस की कीमतें 865 रुपए प्रति सिलेंडर हो चुकी है। पेट्रोल 112 रुपए प्रति लीटर की रिकॉर्ड कीमतों पर बिक रहा है। आंकड़े बताते हैं कि हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा पेट्रोल की कीमतें मध्यप्रदेश में ही हैं। मध्यप्रदेश के 60 फीसदी शहरों में पेट्रोल 112.80 रुपए प्रति लीटर तक बिक रहा है, तो डीजल भी शतक लगाने के करीब है।

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जबकि दिल्ली में पेट्रोल 101.84 रुपए प्रति लीटर और डीजल 89.87 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। मुंबई में पेट्रोल 107.83 रुपए प्रति लीटर और डीजल 97.45 रुपए लीटर है। कोलकाता में पेट्रोल 102.08 रुपए प्रति लीटर जबकि डीजल 93.02 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। चेन्नई में पेट्रोल 102.49 रुपए प्रति लीटर है तो डीजल 94.39 रुपए लीटर बिक रहा है। बढ़ती महंगाई पर कांग्रेस ने भी जमीन आसमान एक कर दिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ कहते हैं कि पीएम मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सबसे बड़े घोषणावीर हैं। महंगाई-बेरोजगारी की वजह से प्रदेश का हर शख्स परेशान हैं।

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जाहिर है बढ़ती महंगाई बीजेपी सरकार के लिए नासूर बन चुकी है। जख्म भरने के बजाए बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस ने भी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल कर दिया है। बीजेपी के पास फिलहाल जवाब नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं है कि महंगाई से बढ़ती नाराजगी की खबरों से भाजपा आलाकमान अनजान है। खिचड़ी पक रही है, जो शायद चुनावों के पहले चूल्हे से उतरे। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि महंगाई की आग से झुलस रही जनता को कब राहत मिलेगी?

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