मुंबई, 29 जनवरी (भाषा) मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाझे ने शुक्रवार को यहां एक अदालत में याचिका दायर कर ख्वाजा यूनुस की हिरासत में मौत के मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति मांगी।
वाझे समेत चार पुलिसकर्मी 2003 के मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सचिन पवार के समक्ष दायर हस्तलिखित याचिका में वाझे ने कहा कि उन्हें मामले में कभी गिरफ्तार नहीं किया गया।
पूर्व पुलिसकर्मी ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने कभी यह नहीं कहा कि वह कथित हत्या में शामिल थे, न ही यूनुस के शव की पहचान की गई है।
वाझे ने अदालत से अपना बयान दर्ज करने का अनुरोध किया जिसमें वह मामले के तथ्यों का पूर्ण और वास्तविक खुलासा करना चाहते हैं।
वाझे ने याचिका में कहा, ‘मैं पिछले 20 वर्षों से इस मामले के लंबित होने के कारण परेशानी झेल रहा हूं। यह न केवल कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है, बल्कि यह मेरी आजीविका, प्रतिष्ठा और समाज में स्थिति को नुकसान पहुंचा रहा है।”
सॉफ्टवेयर इंजीनियर यूनुस को दिसंबर 2002 में घाटकोपर उपनगर में हुए बम विस्फोट के तुरंत बाद हिरासत में लिया गया था। वह कथित तौर पर 6-7 जनवरी, 2003 की मध्यरात्रि विस्फोट मामले में आगे की जांच के लिए औरंगाबाद ले जाते समय हिरासत से भाग गया था।
भाषा जोहेब वैभव
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