Marathi Hindi Controversy: निशिकांत दुबे ने कहा-“हम उन्हें पटक पटक कर मारेंगे”, राज ठाकरे का पलटवार-“मुंबई के समंदर में उन्हें डूबो-डूबो कर मारेंगे”

Marathi Hindi Controversy: मनसे प्रमुख ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की उनकी ‘पटक-पटक के मारेंगे’ वाली टिप्पणी के लिए कड़ी आलोचना की और उन्हें मुंबई आने की चुनौती दी। ठाकरे ने कहा, ‘‘डुबो-डुबो के मारेंगे।’’

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  • Publish Date - July 18, 2025 / 10:25 PM IST,
    Updated On - July 18, 2025 / 11:58 PM IST

Marathi Hindi Controversy, image source: Narendra Nath Mishra

HIGHLIGHTS
  • सरकार त्रिभाषा नीति जरूर लागू करेगी : फडणवीस 
  • हम स्कूल बंद कराने से नहीं हिचकिचाएंगे : राज ठाकरे
  • मराठी का इतिहास 2,500-3,000 साल पुराना : राज ठाकरे

ठाणे (महाराष्ट्र): Marathi Hindi Controversy , महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चेतावनी दी कि अगर राज्य में कक्षा एक से पांच तक हिंदी भाषा अनिवार्य की गई तो ‘‘हम स्कूल बंद कराने से नहीं हिचकिचाएंगे।’’ जिले के मीरा भयंदर में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों से सतर्क रहने और हिंदी थोपने की सरकार की किसी भी योजना को विफल करने का आह्वान किया।

मनसे प्रमुख ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की उनकी ‘पटक-पटक के मारेंगे’ वाली टिप्पणी के लिए कड़ी आलोचना की और उन्हें मुंबई आने की चुनौती दी। ठाकरे ने कहा, ‘‘डुबो-डुबो के मारेंगे।’’

सरकार त्रिभाषा नीति जरूर लागू करेगी : फडणवीस

इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने एक स्थानीय दुकानदार के साथ मारपीट की थी, क्योंकि उसने कथित तौर पर मराठी में बात करने से इनकार कर दिया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने हाल ही में कड़े विरोध के बाद प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी अनिवार्य करने वाले दो आदेश वापस ले लिए थे। हालांकि, फडणवीस ने बृहस्पतिवार को जोर देकर कहा कि सरकार त्रिभाषा नीति जरूर लागू करेगी, लेकिन हिंदी कक्षा एक से पढ़ाई जाए या कक्षा पांच से, इसका फैसला इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए गठित समिति करेगी।

राज ठाकरे ने अपने भाषण में फडणवीस को हिंदी थोपने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, ‘‘जब उन्होंने एक बार कोशिश की थी, तब हमने दुकानें बंद कर दी थीं, और अब अगर हिंदी थोपी गई (कक्षा एक से पांच तक) तो हम स्कूल बंद कराने से नहीं हिचकिचाएंगे।’’ मनसे प्रमुख ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हिंदी को अनिवार्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

मराठी का इतिहास 2,500-3,000 साल पुराना

ठाकरे ने आरोप लगाया कि हिंदी थोपकर सरकार लोगों की प्रतिक्रिया का परीक्षण कर रही है क्योंकि वह अंततः मुंबई को गुजरात से जोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि हिंदी केवल ‘200 साल पुरानी’ है, जबकि मराठी का इतिहास 2,500-3,000 साल पुराना है।

राज ठाकरे ने आरोप लगाया कि जब गुजरात में बिहार के प्रवासियों को पीटा गया और भगा दिया गया, तो यह कोई मुद्दा नहीं बना, लेकिन महाराष्ट्र में एक छोटी सी घटना राष्ट्रीय मुद्दा बन जाती है। उन्होंने आजादी के बाद मोरारजी देसाई और वल्लभभाई पटेल के कथित मराठी विरोधी रुख का भी जिक्र किया। राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्रवासियों को राज्य में हर जगह मराठी में बोलने पर जोर देना चाहिए और दूसरों को भी यह भाषा बोलने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की आड़ में हिंदी थोपने का प्रयास किया जा रहा है।

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विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

उत्तर: विवाद तब शुरू हुआ जब महाराष्ट्र सरकार ने कक्षा 1 से 5 तक हिंदी भाषा को अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा। इस पर राज ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने विरोध जताया, इसे ‘हिंदी थोपने’ की कोशिश बताया, और चेतावनी दी कि अगर ऐसा हुआ तो स्कूल बंद करवा दिए जाएंगे।

त्रिभाषा नीति क्या है और सरकार का पक्ष क्या है?

उत्तर: त्रिभाषा नीति के तहत छात्रों को तीन भाषाएं पढ़नी होती हैं — आमतौर पर मातृभाषा, हिंदी, और अंग्रेज़ी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि त्रिभाषा नीति लागू की जाएगी, लेकिन हिंदी कक्षा 1 से पढ़ाई जाए या कक्षा 5 से, इसका निर्णय एक समिति की सिफारिश पर होगा। सरकार ने दो आदेशों को विरोध के बाद फिलहाल वापस ले लिया है।

राज ठाकरे ने किस तरह की प्रतिक्रिया दी है?

उत्तर: राज ठाकरे ने मीरा-भायंदर की रैली में सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हिंदी थोपी गई तो मनसे स्कूल बंद करवाएगी। उन्होंने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी “पटक पटक के मारेंगे” का जवाब दिया — “हम उन्हें मुंबई के समंदर में डूबो-डूबो कर मारेंगे।”

क्या मराठी बनाम हिंदी विवाद कोई नया मुद्दा है?

उत्तर: नहीं, यह विवाद नया नहीं है। महाराष्ट्र में पहले भी भाषा आधारित संवेदनशीलता देखी गई है। मनसे पहले भी गैर-मराठी लोगों के खिलाफ ‘मराठी में बोलने’ को लेकर आंदोलन कर चुकी है। हाल में एक दुकानदार से मराठी में न बोलने पर मारपीट की घटना ने भी इस मुद्दे को गरमा दिया।

राज ठाकरे का मुख्य तर्क क्या है?

उत्तर: राज ठाकरे का कहना है कि: मराठी एक 2,500-3,000 साल पुरानी भाषा है, जबकि हिंदी केवल 200 साल पुरानी है। हिंदी थोपना महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान पर हमला है। हिंदी थोपने के पीछे मुंबई को गुजरात से जोड़ने की राजनीतिक मंशा हो सकती है। हिंदुत्व की आड़ में हिंदी थोपना स्वीकार नहीं किया जाएगा।