मुंबई, 28 फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र में सोमवार से शुरू होने जा रहे विधानसभा के बजट सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं क्योंकि एक तरफ जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच ‘दरार’ की खबरें हैं, वहीं विपक्ष आरोपों में घिरे मंत्रियों धनंजय मुंडे और माणिकराव कोकाटे को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।
इस सत्र के दौरान 2025-26 के लिए बजट 10 मार्च को पेश किया जाएगा और इसी दिन फडणवीस सरकार के सत्ता में 100 दिन पूरे होंगे।
यह सरकार का पहला पूर्ण सत्र होगा क्योंकि नागपुर में शीतकालीन सत्र मंत्रियों को शपथ दिलाए बिना आयोजित किया गया था।
फडणवीस ने हाल ही में जालना में 900 करोड़ रुपये की आवासीय परियोजना की जांच शुरू की, जिसे शिंदे के मुख्यमंत्री रहने के दौरान शुरू में वित्तीय रूप से अव्यवहारिक बताकर रद्द कर दिया गया था। सरकार ने शिंदे के नेतृत्व में स्वीकृत 1400 करोड़ रुपये की ठोस अपशिष्ट संग्रह निविदा को भी रद्द कर दिया है।
एमवीए सरकार को गिराने के संदर्भ में शिंदे की ‘मुझे हल्के में न लें’ टिप्पणी से भी सियासी पारा चढ़ गया है।
फडणवीस ने कहा कि उन्होंने पीएस और ओएसडी नियुक्तियों के लिए 125 में से 16 लोगों के नामों को मंजूरी नहीं दी, क्योंकि उनकी छवि ‘‘फिक्सर’’ की है, जिसके बाद शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने यह दावा करके ‘दरार’ के मुद्दे को उठाने की कोशिश की कि जिन लोगों को रोका गया है, वे शिंदे के मंत्रियों से जुड़े हुए हैं।
नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हारने के बावजूद विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) मुंडे और कोकाटे को लेकर सरकार पर हमला बोल सकता है।
मुंडे नौ दिसंबर को बीड जिले के एक गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में अपने करीबी सहयोगी वाल्मीक कराड को गिरफ्तार किए जाने के बाद आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं, वहीं कोकाटे का मंत्री पद सवालों के घेरे में है, क्योंकि नासिक की एक अदालत ने उन्हें सरकारी योजना के तहत मकान हासिल करने के लिए धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में दो साल कैद की सजा सुनाई है।
शिवसेना (उबाठा), राकांपा (शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस के गठबंधन एमवीए ने कहा कि फडणवीस की पूरी मंत्रिपरिषद भ्रष्ट है, सिर्फ मुंडे और कोकाटे ही नहीं।
भाषा संतोष नेत्रपाल
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