पुणे, 12 सितंबर (भाषा) अमेरिकी आव्रजन कानून के एक विशेषज्ञ ने कहा है कि पूंजी निवेश के जरिए अमेरिका में बसने का चलन बढ़ रहा है और भारतीय, विशेषकर विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) के छात्र एवं पेशेवर इस विकल्प पर विचार कर सकते हैं।
ईबी-5 अप्रवासी निवेशक कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति पर, भारतीय अमेरिकी आव्रजन वकील नादादुर एस कुमार ने कहा कि यह अब कोई विशिष्ट विकल्प नहीं रह गया है। ईबी-5 वीजा, न्यूनतम 8,00,000 अमेरिकी डॉलर (6 से 7 करोड़ रुपये) का निवेश करने वाले विदेशियों को वैध स्थायी निवासी दर्जा (ग्रीन कार्ड) प्रदान करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘संपत्ति के मूल्यों और घरेलू इक्विटी में वृद्धि ने कहीं अधिक भारतीयों को निवेश करने में सक्षम बनाया है, अक्सर माता-पिता के सहयोग से। कई एच-1बी वीजा धारक और अमेरिका में एफ-1 से एच-1बी में स्थानांतरित होने वाले छात्र भी ईबी-5 वीजा प्राप्त करने के लिए अपनी वित्तीय प्रगति का लाभ उठा रहे हैं।’’
कुमार ने कहा कि वीजा कार्यक्रम भारतीयों, विशेष रूप से ‘स्टेम’ क्षेत्रों के छात्रों और पेशेवरों के बीच तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है। हालांकि, यह मांग पूरी तरह से संख्याओं से प्रेरित है और किसी ‘‘भेदभाव’ का परिणाम नहीं है।
भाषा सुभाष पवनेश
पवनेश