(संदीप कोलहटकर)
पुणे, 10 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में सैन्य भाईचारे का एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश करते हुए दिवंगत कैडेट प्रथम महाले के सहपाठियों ने उनकी बहन की मेडिकल की पढ़ाई के सपने को साकार करने के लिए एकजुट होकर सहायता प्रदान की।
प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में ऑस्कर स्क्वाड्रन के स्क्वाड्रन कैडेट कैप्टन के रूप में कार्यरत रहे महाले का 16 अक्टूबर, 2023 को यहां एक मुक्केबाजी चैंपियनशिप के दौरान सिर में चोट लगने के दो दिन बाद निधन हो गया था।
नवनियुक्त अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए एकजुट हुए हैं कि महाले का अपनी बहन की चिकित्सा शिक्षा पूरी करने का सपना साकार हो।
प्रथम के पिता गोरख महाले ने बताया, ‘‘अपनी-अपनी सशस्त्र सेवाओं में तैनाती प्राप्त करने के बाद, प्रथम के सहपाठियों ने एक बार फिर हमसे संपर्क किया। उन्होंने हमें देहरादून में आयोजित पासिंग आउट परेड समारोह के लिए आमंत्रित किया और यहां तक कि जलगांव स्थित हमारे घर भी आए।’’
जब प्रथम एनडीए में थे, उनकी बहन रुजुता मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रही थीं।
गोरख महाले ने बताया, ‘‘हालांकि, उस दुखद घटना के बाद हम सभी सदमे में डूब गए, और इसका असर रुजुता की तैयारी पर पड़ा। प्रथम के सहपाठियों ने आगे आकर रुजुता को पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने हमें भरोसा दिलाया कि प्रथम भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वे सभी उनके साथ मजबूती से खड़े हैं।’’
रुजुता ने अपनी तैयारी फिर से शुरू की और नीट परीक्षा दी।
गोरख महाले ने बताया, ‘‘रुजुता की मदद के लिए, प्रथम के सहपाठी नियमित रूप से मेरी पत्नी के खाते में 30,000 से 35,000 रुपये भेजते थे।’’
जब रुजुता को बरेली के एक मेडिकल पाठ्यक्रम में दाखिला मिल गया, तो सहपाठियों ने परिवार को आश्वस्त किया कि वे पैसों की चिंता नहीं करें।
गोरख ने बताया, ‘‘वे पूरी फीस भरने के लिए तैयार थे। मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने और सबने मिलकर रुजुता के दाखिले के लिए लगभग 30,000 रुपये जमा किए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रथम के प्रति निरंतर स्नेह दिखाने वाले इन युवा अधिकारियों के इस भाव से हम अभिभूत हैं। उनका भावनात्मक और आर्थिक सहयोग हमारे लिए बहुत मायने रखता है।’’
चंडीगढ़ में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में पदस्थ प्रथम के एक सहपाठी ने नाम उजागर नहीं करने की इच्छा व्यक्त करते हुए पीटीआई-भाषा को बताया कि ऑस्कर स्क्वाड्रन में 22 कैडेट थे।
उन्होंने कहा कि प्रथम अक्सर अपने माता-पिता और मेडिकल की पढाई की तैयारी कर रही अपनी बहन के बारे में बात किया करते थे। उन्होंने कहा कि सेवा में शामिल होने के बाद हमने उनके परिवार का समर्थन करने का निर्णय लिया और हम हर महीने थोड़ी राशि का योगदान करते हैं, और जब भी संभव होता है, उनसे मिलने भी जाते हैं।
भाषा शफीक पवनेश
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