RCP को मोहरा बना बिहार में महाराष्ट्र जैसे दांव की थी तैयारी! शिवसेना ने कसा तंज

RCP a pawn in Bihar like Maharashtra!: सामना ने गुरुवार को अपने संपादकीय में लिखा- ’केंद्रीय मंत्रिमंडल में ’जेडीयू’ के राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार की इच्छा के विरुद्ध शामिल किया गया, लेकिन सिंह को समर्थन देकर भाजपा बिहार में नीतीश कुमार को अस्थिर करना चाहती थी। ये संज्ञान में आते ही नीतीश कुमार ने दिल्ली से संपर्क ही तोड़ दिया।

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  • Publish Date - August 11, 2022 / 11:48 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:58 PM IST

Nitish Kumar may resign today

RCP a pawn in Bihar like Maharashtra!: मुंबई, 11 अगस्त 2022। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला है, शिवसेना ने बिहार के महागठबंधन का समर्थन किया गया है,। वहीं, हाल ही में जेडीयू छोड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह को बिहार का ’शिंदे’ बताकर तंज कसा है।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने गुरुवार को अपने संपादकीय में लिखा- ’बिहार में एक बार फिर राजनीतिक उथल-पुथल हुई है। बिहार में भी महाराष्ट्र की ही तरह ’शिंदे’ गुट अलग करके भाजपा के दिल्लीश्वर नीतीश कुमार को मात देने की साजिश रच रहे थे। उसके लिए नीतीश कुमार के ’शिंदे’ आरसीपी सिंह को मोहरा बनाकर खात्मे का खेल शुरू ही किया गया था, लेकिन नीतीश कुमार ने भाजपा को ही धोबी पछाड़ देने वाली पलटी मारी। बिहार में भाजपा के साथ युति तोड़ने का एलान ’जेडीयू’ ने मंगलवार को किया।

उलटा पड़ गया बीजेपी का दांव

’नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया, बुधवार को नीतीश ने मुख्यमंत्री पद की तो ’राजद’ के तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस नई ’महागठबंधन’ सरकार में जदयू, राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस समेत अन्य घटक दल शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी के विश्वासघाती होने का मत ’जेडीयू’ ने व्यक्त किया है। भाजपा, नीतीश कुमार की पार्टी में ही सेंधमारी करने चली थी, लेकिन वह खेल भाजपा पर ही उलट गया।’

नीतीश के उम्मीदवारों को हराने की कोशिश

’महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल का रुका हुआ पालना थोड़ा हिलने लगा, इसी दौरान बिहार में उनकी सत्ता के पालने की डोर टूट गई, बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा, जेडीयू का गठबंधन था लेकिन चुनाव में नीतीश कुमार के उम्मीदवारों को हराने का प्रयास भाजपा ने किया, इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ’जेडीयू’ को भाजपा से कम सीटें मिलीं और भाजपा ने मेहरबानी खाते में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का पद दिया, ऐसी तस्वीर निर्माण की गई।’

नीतीश को अस्थिर करने की कोशिश

’केंद्रीय मंत्रिमंडल में ’जेडीयू’ के राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार की इच्छा के विरुद्ध शामिल किया गया, लेकिन सिंह को समर्थन देकर भाजपा बिहार में नीतीश कुमार को अस्थिर करना चाहती थी। ये संज्ञान में आते ही नीतीश कुमार ने दिल्ली से संपर्क ही तोड़ दिया। दिल्ली के बगैर हमारा कुछ भी नहीं रुकता है, ये दिखा दिया और मुख्यमंत्री, गृहमंत्री द्वारा बुलाई गई कम-से-कम पांच बैठकों में अनुपस्थित रहे।’

बिहारी अस्मिता की रक्षा के लिए लड़ेंगे

’महाराष्ट्र के वर्तमान घुटने टेकने वाले मुख्यमंत्री को ये ’स्वाभिमान’ समझ लेना चाहिए, जेडीयू और तेजस्वी यादव के कुछ विधायकों पर ’ईडी’ आदि का शिकंजा कसा, फिर भी भाजपा के फंदे में कोई नहीं फंसा। बिहारी अस्मिता की रक्षा के लिए लड़ेंगे परंतु समर्पण नहीं करेंगे, ऐसी नीति वहां की भाजपा को छोड़कर अन्य विधानसभा सदस्यों ने अपनाई और अंततः मंगलवार को नीतीश कुमार ने ऊंट की पीठ पर आखिरी डंडा रखा।’

’बिहार में घटने वाली राजनीतिक क्रांति पर पूरे देश में प्रतिक्रिया होती है, महाराष्ट्र की शिवसेना आघाड़ी की सरकार को गिराया। इस आनंद में खुशी का गाजर खाने के दौरान ही बिहार में भाजपा के खिलाफ बगावत की चिंगारी भड़की, पड़ोस में पश्चिम बंगाल है ही, महाराष्ट्र भी अशांत टापू बन गया है।’

नीतीश के कदम का स्वागत करे विपक्ष

’2024 के आम चुनाव का गणित तय करके नीतीश कुमार ने यह साहसिक कदम उठाया होगा तो देश के समस्त विपक्ष को नीतीश कुमार के कदम का स्वागत करना चाहिए.। ’ईडी’ की धौंस, कपट, साजिश से महाराष्ट्र की सरकार को गिराया. परंतु बिहार में नीतीश कुमार ने भाजपा को ही सत्ता से दूर फेंक दिया, यह सच्चाई है।’

डींगें हांक रहे थे जेपी नड्डा

’वर्ष 2024 में एक बार फिर हम और हम ही, यह भाजपा का अहंकार है। वर्ष 2024 में देश में सिर्फ भाजपा ही रहेगी और कोई नहीं रहेगा’, ऐसी डींग भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हांक रहे थे और वहां बिहार जैसा राज्य भाजपा गंवा रही थी, जयप्रकाश नारायण की भूमि से ही इस विद्रोह की मशाल जली है। नीतीश कुमार जयप्रकाश की संपूर्ण क्रांति के आंदोलन में थे, लालू यादव भी थे। परंतु यादव व नीतीश कुमार में हमेशा संघर्ष रहा है, वह अब तो रुकना चाहिए।’

बीजेपी ने की है लालू की ऐसी हालत

’लालू यादव का स्वास्थ्य बेहद बिगड़ गया है। वे कमजोर हो गए हैं, बहुत ज्यादा घूमना, बोलना उनसे अब होता नहीं है, उनकी यह अवस्था भाजपा ने ही की है, लेकिन यादव के सुपुत्र तेजस्वी यादव बिहार में युवा नेता के रूप में लोकप्रिय बन गए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी व जदयू गठबंधन के समक्ष उन्होंने चुनौती खड़ी की थी। उस समय वे बहुमत के करीब पहुंच ही गए थे लेकिन अंतिम चक्र में 10-12 सीटों पर गड़बड़-घोटाला करके भाजपा ने बाजी मार ली, परंतु तेजस्वी यादव ने मैदान नहीं छोड़ा।’

बदलेगा लोकसभा चुनाव का परिणाम

’अब नीतीश कुमार उनके सहयोग से सरकार बना लिए हैं, यह गठबंधन 2024 में इसी तरह मजबूत रहा तो लोकसभा चुनाव का परिणाम बदल सकता है, यह सच्चाई है। महाराष्ट्र में ’मैं फिर आऊंगा’ इस घोषणा की तरह ही नड्डा का ’हम ही आएंगे, सिर्फ हम ही’ यह घोषणा है। लोकतंत्र में मतपेटी के रास्ते कोई भी आ सकेगा, परंतु हम ही आएंगे, ऐसा कहने वाले लोकतंत्र को मानते हैं क्या? बिहार में भाजपा के नेता सुशील मोदी ने अब कबूला है कि ’शिवसेना को हमने तोड़ा, जो हमारे साथ नहीं रहेंगे, उन्हें परिणाम भुगतना होगा। शिवसेना को यह भुगतना पड़ा।’

शिवसेना को सबक सिखाने बनाया शिंदे गुट

’इसका क्या अर्थ लगाया जाए? शिंदे गुट जो कहता है, उस पर थूकने जैसा यह मामला है, हम हिंदुत्व या स्वाभिमान के लिए बाहर निकले, इस दावे को ही सुशील मोदी ने निरस्त कर दिया। शिंदे गुट शिवसेना को सबक सिखाने के लिए तोड़ा गया, ये उनके द्वारा घोषित किए जाने पर सभी का वस्त्रहरण हो गया है! परंतु अब उन्हीं के बिहार में नीतीश कुमार भाजपा से दूर हो गए, वह इस पर क्या कहेंगे?’

नीतीश ने मारा डंक

शिवसेना की तरह नीतीश कुमार की पार्टी को तोड़ने का प्रयास आपने किया तो कुमार ने आपको ही उल्टा डंक मार दिया, यही सच्चाई है। नीतीश कुमार ने फिलहाल एक माहौल तैयार किया है। उसका तूफान बना तो चुनौतीपूर्ण स्थिति निर्माण होगी। ’ईडी’ और ’सीबीआई’ भी नीतीश कुमार को नहीं रोक पाई। तेजस्वी यादव भी बेखौफ हैं, सत्ता का अमरपट्टा बांधकर कोई पैदा नहीं हुआ है, सभी को सिंहासन से कभी-न-कभी उतरना ही है।

नीतीश कुमार आगे बढ़ो…

’अहंकार की दीवार जनता ही तोड़ती है, बिहार में वह टूट गई। महाराष्ट्र में भी ढहेगी, बिहार में नीतीश कुमार ने एक कदम बढ़ाया है, इसके पीछे अनगिनत कदमों के निशान उभरने दो। नीतीश कुमार आगे बढ़ो, भविष्य में आपको हजारों लोगों का साथ निश्चित तौर पर मिलेगा, राजनीति में कोई भी हमेशा के लिए खत्म नहीं होता, यही सत्य है। परंतु इसे खत्म कर देंगे, उसे खत्म कर देंगे, ऐसी डींग हांकने वालों का अस्तित्व ही नष्ट हो जाता है, ऐसा इतिहास रहा है! समझनेवाले को इशारा काफी है!’

 

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