नफरती भाषण पर न्यायालय की टिप्पणी शिंदे-फडणवीस सरकार के लिए शर्म की बात : अजित पवार

नफरती भाषण पर न्यायालय की टिप्पणी शिंदे-फडणवीस सरकार के लिए शर्म की बात : अजित पवार

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  • Publish Date - March 30, 2023 / 04:23 PM IST,
    Updated On - March 30, 2023 / 04:23 PM IST

(फाइल फोटो के साथ)

नासिक (महाराष्ट्र), 30 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने नफरती भाषण पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को राज्य सरकार की आलोचना की और कहा कि कई दलों ने बार-बार इस मुद्दे को उठाया है।

औरंगाबाद में बुधवार रात हुई भीड़ की हिंसा का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि शांति भंग करने की कोशिश की जा रही है।

शीर्ष अदालत ने बुधवार को एक अवमानना ​​याचिका पर सुनवाई के दौरान नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में विफल रहने के लिए महाराष्ट्र सहित कई राज्य प्राधिकारों के विरूद्ध टिप्पणी की।

उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘‘हम अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं क्योंकि राज्य समय पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य अक्षम, शक्तिहीन हो गया है और समय पर कार्रवाई नहीं करता है। अगर राज्य चुप है, तो हमारे पास राज्य होने ही क्यों चाहिए।’’

पवार ने कहा, ‘‘कल उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को अक्षम सरकार कहा। क्या यह महाराष्ट्र का अपमान नहीं है? (एकनाथ) शिंदे-(देवेंद्र) फडणवीस सरकार के लिए यह शर्म की बात है। उच्चतम न्यायालय ने कभी किसी सरकार के लिए इस तरह की टिप्पणी नहीं की।’’

नासिक जिले के दौरे पर आए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता पवार ने कहा कि सरकार को न्यायालय की टिप्पणी को गंभीरता से लेना चाहिए और सत्ता में बैठे लोगों को आत्ममंथन करना चाहिए कि शीर्ष अदालत ने ऐसा क्यों कहा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर तत्काल बैठक बुलाई जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे को उठाता रहा है। लेकिन सरकार के प्रमुखों को इसके बारे में बताया जाना पसंद नहीं है। पवार ने कहा, ‘‘पहले भी, अदालत ने कहा था कि राजनीति और धर्म अलग-अलग होने चाहिए। साम्प्रदायिक घृणा को फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरती जानी चाहिए और ऐसी स्थितियों से बचना चाहिए जिससे कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है।’’

बुधवार रात औरंगाबाद में भीड़ की हिंसा का जिक्र करते हुए पवार ने कहा, ‘‘क्या यह दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने की कोशिश है? पुलिस को पूछताछ करनी चाहिए और मास्टरमाइंड का पता लगाना चाहिए। पुलिस को बिना किसी राजनीतिक दबाव के काम करना चाहिए।’’

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि औरंगाबाद में 500 से अधिक लोगों की भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर कथित तौर पर हमला किया, जब कुछ युवक आपस में भिड़ गए।

राकांपा नेता ने नासिक में प्याज किसानों की समस्याओं के बारे में भी बात की, जहां बड़ी मात्रा में प्याज की पैदावार होती है। उन्होंने कहा कि सरकार को क्षेत्र में नेफेड के प्याज खरीद केंद्रों को फिर से शुरू करना चाहिए ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके।

नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नेफेड) देश में कृषि उत्पादों के लिए शीर्ष खरीद और विपणन एजेंसी है।

भाषा आशीष अविनाश

अविनाश