Crime : भांजी पर बिगड़ी मामा की नीयत, बना लिया हवस का शिकार, अब कोर्ट ने सुनाई ये सजा

भांजी पर बिगड़ी मामा की नीयत, बना लिया हवस का शिकार, Uncle's intentions got spoiled on his niece, he made her a victim of his lust

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  • Publish Date - July 9, 2024 / 11:12 AM IST,
    Updated On - July 9, 2024 / 03:17 PM IST

Delhi High Court Latest News। Source- IBC24 Archive

ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि यह अपराध ‘‘जघन्य और घिनौना’’ है तथा इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। पीड़िता, दोषी को ‘मामा’ मानती थी। विशेष पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत की न्यायाधीश रूबी यू मालवणकर ने पांच जुलाई को एक आदेश में कहा कि 54 वर्षीय आरोपी ने ‘मामा’ जैसे रिश्ते की भी लाज नहीं रखी। आदेश के प्रति सोमवार को उपलब्ध हुई। ‘मामा’ को दुष्कर्म, आपराधिक धमकी और पॉस्को अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया।

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विशेष लोक अभियोजक रेखा हिवराले ने अदालत को बताया कि पीड़िता ने 2018 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह अपने पिता और दो भाइयों के साथ महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मनपाड़ा इलाके में रहती थी। उस समय पीड़िता की उम्र 16 वर्ष थी। अगस्त 2017 में, अहमदनगर का रहना वाला उसका ‘मामा’ उनके घर रहने के लिए आया जो कि पेशे से रसोइया था। शिकायत के अनुसार, कुछ दिनों तक तो उसका व्यवहार ठीक रहा, लेकिन सितंबर से वह किसी बहाने से पीड़िता को गलत तरीक से छूने लगा। जब भी कोई घर पर नहीं होता, वह इसी तरह की हरकत करता। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि एक रात जब लड़की का पिता नशे में था और सो रहा था तो आरोपी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। जब पीड़िता चिल्लाई तो आरोपी ने उसका मुंह दबाया और जान से मार डालने की धमकी दी। धमकी के डर से पीड़िता ने किसी को कुछ नहीं बताया और उसके बाद आरोपी ने उसे कई बार गलत तरीके से छुआ। जब पीड़िता ने आरोपी से कहा कि वह अपने पिता को सब कुछ बता देगी तो आरोपी उनके घर से चला गया।

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पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने 16 जून 2018 को प्राथमिकी दर्ज की। न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी के खिलाफ साबित किया गया अपराध ‘‘बेहद जघन्य और घिनौना’’ है। अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी ने 16 साल से कम उम्र की एक लड़की के साथ यह घिनौना कृत्य किया, जो उसे ‘मामा’ कहती थी।’’ इसने कहा, ‘‘आरोपी ने मामा जैसे रिश्ते तक की लाज नहीं रखी। ऐसे रिश्तेदारों के बीच इस तरह का कृत्य निश्चित रूप से स्वीकार्य नहीं है और इसकी निंदा की जानी चाहिए तथा समाज में समान विचारधारा वाले व्यक्तियों को उचित संदेश देने के लिए कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।’’ अदालत ने आरोपी पर 22,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और कहा कि यह जुर्माना पीड़िता को उसके पुनर्वास के लिए दिया जाएगा। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि पीड़िता को उचित मुआवजा देने के लिए फैसले को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के पास भेजा जाए।