Amalaki Ekadashi 2025 date : इस वर्ष कब है आमलकी एकादशी यां आँवला एकादशी? जाने तिथि, महत्त्व, पूजा की विधि तथा व्रत से जुडी पूर्ण जानकारी

When is Amalaki Ekadashi or Amla Ekadashi this year? Knowing the date, importance, method of worship and complete information related to fast

Amalaki or Amla Ekadashi 2025

Modified Date: March 1, 2025 / 03:44 PM IST
Published Date: March 1, 2025 3:44 pm IST

Amalaki Ekadashi 2025 date : हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस वर्ष आमलकी एकादशी 10 मार्च को है। आमलकी एकादशी फाल्‍गुन मास के शुक्‍ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं। होली से 4 दिन पूर्व यह एकादशी पड़ती है और इसे रंगभरी एकादशी भी कहते हैं। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं। इस एकादशी को आमलकी एकादशी या आंवला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। कहते हैं कि इस दिन व्रत करने से पापों से मुक्ति मिलती है।

आमलकी यानी आँवला को शास्त्रों में उसी प्रकार श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है जैसा नदियों में गंगा को प्राप्त है और देवों में भगवान विष्णु को। विष्णु जी ने जब सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा को जन्म दिया उसी समय उन्होंने आँवले के वृक्ष को जन्म दिया। आँवले को भगवान विष्णु ने आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया है। इसके हर अंग में ईश्वर का स्थान माना गया है। भगवान विष्णु ने कहा है जो प्राणी स्वर्ग और मोक्ष प्राप्ति की कामना रखते हैं उनके लिए फाल्गुन शुक्ल पक्ष में जो पुष्य नक्षत्र में एकादशी आती है उस एकादशी का व्रत अत्यंत श्रेष्ठ है। इस एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है।

Amalaki Ekadashi 2025 date

इस दिन काशी विश्‍वनाथ मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती का विशेष श्रृंगार किया जाता है और डोला निकाला जाता है। इस दिन से रंग खेलने का आरंभ हो जाता है। यह व्रत उत्तम स्वास्थ्य और सौभाग्य के लिए माना जाता है। इस दिन मंदिर में आंवला का पेड़ लगाना भी शुभ होता है। मान्यता है कि आंवले के वृक्ष की पूजा और उसका सेवन करने से अच्छा स्वास्थ्य और भाग्य मिलता है।

Amalaki Ekadashi 2025 date : आइए जानतें हैं इस दिन का खास महत्‍व, पूजाविधि

आमलकी एकादशी तिथि तथा समय (कब से कब तक)
आमलकी एकादशी 10 मार्च, सोमवार को है। फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी 9 मार्च, रविवार सुबह 7 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 10 मार्च, सोमवार सुबह 7 बजकर 44 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, आमलकी एकादशी 10 मार्च को मनाई जाएगी तथा व्रत भी 10 मार्च को रखा जाएगा।

Amalaki Ekadashi 2025 date

आमलकी एकादशी का महत्‍व
आमलकी एकादशी का व्रत करना अत्यंत शुभ एवं श्रेष्ठ माना जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से साधक को 100 गाय दान करने जितना पुण्य मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से कष्टों व पापों का नाश होता है और मोक्ष प्राप्त होता है और भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है। इससे जीवन के दुख दूर होते हैं और सुख-समृद्धि आती है। यह व्रत जीवन में सकारात्मक बदलाव के साथ ही करियर कारोबार में आगे बढ़ने के प्रयासों को सफलता मिलती है।

Amalaki Ekadashi 2025 date

आमलकी एकादशी की पूजा विधि
आँवला अथवा रंगभरी एकादशी के दिन भक्त भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। भगवान शिव को लाल गुलाल अर्पित किया जाता है, जो उनके उग्र स्वरूप का प्रतीक है। माता पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। रात में जागरण और भजन-कीर्तन से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, भगवान विष्णु के सामने नौ बत्तियों वाला दीपक जलाकर रात भर रखने का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि के साथ सकारात्मक ऊर्जा आती है।

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