Durga Mantra 2025: नवरात्रि में करें मां दुर्गा के नौ रूपों के मंत्रो का जाप, मिलेगा सभी 9 देवियों का आशीर्वाद

Durga Mantra 2025: नवरात्रि में करें मां दुर्गा के नौ रूपों के मंत्रो का जाप, मिलेगा सभी 9 देवियों का आशीर्वाद

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  • Publish Date - March 26, 2025 / 05:57 PM IST,
    Updated On - March 26, 2025 / 05:57 PM IST

Durga Mantra 2025: Image Credit: IBC24 File

HIGHLIGHTS
  • चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से शुरू हो रही है।
  • मां दुर्गा को खुश करना चाहते हैं तो इस नवरात्रि इन मंत्रों का जाप करें।
  • मां दुर्गा के नौ रूपों के मंत्र का जाप करना चाहिए।

नई दिल्ली। Durga Mantra 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि को बहुत ही खास माना जाता है। नवरात्रि का व्रत साल में चार बार रखा जाता है, जिसमें से दो बार प्रत्यक्ष और दो बार गुप्त नवरात्रि आती हैं। शारदीय और चैत्र नवरात्रि को छोड़कर दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं। वहीं चैत्र नवरात्रि चैत्र महीने में पड़ती है। इसकी शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है और नवमी तिथि पर समापन होता है। वहीं इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से शुरू हो रही है। इस दिन मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा की जाती है। जिसमें नवरात्रि की नवमी तिथि 7 अप्रैल 2025 को है। ऐसे में देवी दुर्गा के नौ स्वरुपों का आशीर्वाद पाना चाहते हैं नवरात्रि के नौ दिनों में इन मंत्रो का जाप करें। तो चलिए जानते हैं वो कौन से मंत्र हैं।

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Durga Mantra 2025:  बता दें कि, नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा होती है। ऐसे में इस दिन कई भक्त अपने घरों में कलश रखते हैं। इस दिन से योग साधना की शुरुआत होती है। भक्त को केसरिया वस्त्र धारण कर माता की पूजा आराधना करनी चाहिए. मूल मंत्र: “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः।”

नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। देवी ब्रह्मचारिणी ज्ञान और दृढ़ संकल्प का प्रतिनिधित्व करती हैं। इस दिन भक्त को लाल वस्त्र पहनकर देवी की आराधना करनी चाहिए। मूल मंत्र: “ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः।”

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि, मां चंद्रघंटा देवी का कल्याणकारी रूप हैं. इस दिन भक्त पीले वस्त्र पहनकर मां की पूजा करें और लाल पुष्पों से आराधना करें। मूल मंत्र: “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः।”

चौथे दिन देवी कूष्मांडा की पूजा की जाती है। भक्तों को कष्टों से मुक्ति दिलाने वाली देवी को रंग-बिरंगे वस्त्र अर्पित करें।मां को मखाने की खीर का भोग लगाएं। मूल मंत्र: “ॐ देवी कूष्मांडायै नमः।”

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पांचवें दिन भक्त देवी स्कंदमाता की पूजा करते हैं। इन्हें भक्तों की आत्मा को शुद्ध करने वाला माना जाता है। इस दिन हरे रंग के वस्त्र पहनकर साग-सब्जियों का सेवन करें। मूल मंत्र:”ॐ देवी स्कंदमातायै नमः।”

छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। भक्त केसरिया या वसंती वस्त्र धारण करें और मेवा-मिश्री का भोग लगाएं। मूल मंत्र: “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः।”

नवरात्रि के सातवा दिन देवी कालरात्रि को समर्पित है। यह देवी दुर्गा का सबसे उग्र और सबसे हिंसक रूप माना जाता है। इस दिन रात्रि जागरण और चुनरी पहनकर देवी की पूजा करें। मूल मंत्र: “ॐ देवी कालरात्र्यै नमः।”

नवरात्रि में आंठवे दिन महागौरी देवी की पूजा की जाती है। माता महागौरी पवित्रता और शांति का प्रतीक हैं। इस दिन बटुक की पूजा का भी विधान है। मूल मंत्र: “ॐ देवी महागौर्यै नमः।”

वहीं नवरात्रि के आखिरी दिन यानी नौवें दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। इस दिन स्वास्तिक बनाकर देवी का विसर्जन करें। मूल मंत्र:”ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।