Chhoti Diwali Upay: नरक चतुर्दशी की रात करें ये रहस्यमयी उपाय, अकाल मृत्यु रहेगी कोसों दूर

नरक चतुर्दशी पर यमराज की पूजा और दीप जलाने की परंपरा है। माना जाता है कि इस रात कुछ खास उपाय करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और व्यक्ति को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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  • Publish Date - October 19, 2025 / 04:45 PM IST,
    Updated On - October 19, 2025 / 04:45 PM IST

(Chhoti Diwali Upay, Image Credit: IBC24 News Customize)

HIGHLIGHTS
  • नरक चतुर्दशी पर यमराज की पूजा का विशेष महत्व।
  • यम दीपदान से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
  • दीपक दक्षिण दिशा में जलाना शुभ माना जाता है।

Chhoti Diwali Upay: इस साल रविवार, 19 अक्टूबर 2025 को पूरे देश में छोटी दिवाली का पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जा रहा है। इसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विशेष पूजा और उपाय करने से अकाल मृत्यु का भय टलता है और व्यक्ति को दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है।

यमराज की विशेष पूजा

नरक चतुर्दशी या रूप चौदस के दिन मृत्यु के देवता यमराज की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन लोग दीपक जलाकर यमराज को प्रसन्न करते हैं। खासतौर पर रात्रि में किए गए कुछ खास उपायों से जीवन में सुख-शांति और स्वास्थ्य बना रहता है।

क्या है यम दीपदान?

यम दीपदान एक विशेष परंपरा है जो नरक चतुर्दशी दिन रात के समय की जाती है। इसका उद्देश्य अकाल मृत्यु के भय को दूर करना और लंबी उम्र की कामना करना होता है।

कैसे करें यम दीपदान?

  • घर के सबसे वरिष्ठ सदस्य को यम के नाम एक बड़ा दीपक जलाना चाहिए।
  • इस दीपक को घर के प्रत्येक कोने में घुमाएं, ताकि नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सके।
  • दीपक घुमाते समय बाकी सदस्य घर के अंदर रहें और दीपक को न देखें।
  • इसके बाद दीपक को घर से दूर ले जाकर रख आएं।

किस दिशा में करें दीपदान?

यम दीपक को दक्षिण दिशा में जलाना बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिशा यमराज से जुड़ी हुई है।

यम दीपदान का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के मुताबिक, यम दीपदान के लिए आज दो प्रमुख मुहूर्त हैं:

  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:47 बजे से 06:13 बजे तक।
  • रात्रि विशेष मुहूर्त: रात 11:41 बजे से 12:31 बजे (20 अक्टूबर तक)।

इन समयों पर यमराज के नाम दीपदान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाले संकट टल जाते हैं।

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नरक चतुर्दशी किस दिन मनाई जाती है?

नरक चतुर्दशी छोटी दिवाली के एक दिन पहले, कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है।

नरक चतुर्दशी पर यम दीपदान क्यों किया जाता है?

अकाल मृत्यु से रक्षा और दीर्घायु की कामना के लिए यमराज को दीप अर्पित किया जाता है।

यम दीपक किस दिशा में जलाया जाता है?

दीपक को दक्षिण दिशा में जलाना शुभ माना जाता है।

यम दीपदान करते समय क्या सावधानी रखें?

दीपदान करते समय घर के अन्य सदस्य दीपक को न देखें और दीपक को चुपचाप घर से दूर रखा जाए।