Pitra Paksha 2022: 12 साल बाद पितृ पक्ष में बन रहा है अशुभ योग, भूल से भी इस दिन न करें पिंडदान

Pitra Paksha 2022: 12 साल बाद पितृ पक्ष में बन रहा है अशुभ योग, इस दिन न करें पिंडदान Inauspicious yoga in Pitru Paksha after 12 years

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  • Publish Date - September 9, 2022 / 10:07 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 06:50 AM IST

Innospicious Yoga in Pitru Paksha: नई दिल्ली। भाद्रपद की पूर्णिमा से श्राद्ध यानी पितृ पक्ष शुरू होकर अश्विन मास की अमावस्या तक रहता है। इस बार शनिवार 10 सितंबर से रविवार 25 सितंबर तक मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए अलग-अलग तिथियों पर पिंडदान और तर्पण किया जाता है।

इस बार खास बात ये है की पितृ पक्ष में अशुभ योग भी है और 17 सितम्बर को कोई श्राद्ध नहीं किया जाएगा। 10 सितंबर को पूर्णिमा और प्रतिपदा का श्राद्ध साथ में किया जाएगा।

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Innospicious Yoga in Pitru Paksha: पंचांग भेद के कारण 16 सितंबर को सप्तमी श्राद्ध होने के बाद 18 सितंबर को अष्टमी का श्राद्ध किया जाएगा। तिथि क्षय होने के कारण 17 सितंबर को कोई श्राद्ध नहीं किया जाएगा।

पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष करने की तिथियां
10 सितंबर शनिवार – पूर्णिमा का श्राद्ध/प्रतिपदा का श्राद्ध
11 सितंबर रविवार – द्वितीया का श्राद्ध
12 सितंबर सोमवार – तृतीया का श्राद्ध
13 सितंबर मंगलवार – चतुर्थी का श्राद्ध
14 सितंबर बुधवार – पंचमी का श्राद्ध
15 सितंबर गुरुवार – षष्ठी का श्राद्ध
16 सितंबर शुक्रवार – सप्तमी का श्राद्ध
17 सितंबर शनिवार- सप्तमी, अष्टमी का श्राद्ध
18 सितंबर रविवार – अष्टमी का श्राद्ध
19 सितंबर सोमवार – नवमी श्राद्ध,
इसे मातृ नवमी श्राद्ध भी कहा जाता है।

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Innospicious Yoga in Pitru Paksha: 20 सितंबर मंगलवार – दशमी का श्राद्ध
21 सितंबर बुधवार – एकादशी का श्राद्ध
22 सितंबर गुरुवार – द्वादशी, सन्यासियों का श्राद्ध
23 सितंबर शुक्रवार – त्रयोदशी का श्राद्ध
24 सितंबर शनिवार – चतुर्दशी का श्राद्ध
25 सितंबर रविवार – अमावस्या का श्राद्ध
सर्वपितृ अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध, महालय श्राद्ध

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