(Sharad Purnima 2025, Image Credit: IBC24 News Customize)
Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं, इस वर्ष 6 अक्टूबर 2025, सोमवार को है। पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन चंद्र देव, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। इस रात्रि में चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं के साथ पूर्ण रूप से प्रकाशित होता है, जिससे अमृतमयी चांदनी पृथ्वी पर बरसती है। हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष स्थान है। मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जो भक्त जागकर उनकी पूजा करते हैं, उन्हें समृद्धि और सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा, यह दिन भगवान श्री कृष्ण के रास लीला के लिए भी प्रसिद्ध है। इसी दिन उन्होंने इस गोपियों के साथ रास रचाया था।
धार्मिक मान्यता है कि माता लक्ष्मी का जन्म शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था इसीलिए देश के कई हिस्सों में शरद पूर्णिमा के दिन लक्ष्मीजी का पूजन किया जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव की विशेष पूजा-आराधना करने का विशेष महत्व होता है। शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है। इस रात्रि में चन्द्रमा का किरणें अमृततुल्य होती है जिसके कारण रात को खुले आसमान के नीचे खीर रखी जाती है। शरद पूर्णिमा के दिन कुछ उपाय बहुत ही कारगर साबित होता है। जिसके करने से जीवन में धन और सुख-समृद्धि की कोई भी कमी नहीं होती है। शरद पूर्णिमा के दिन इन पांच उपायों को करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
शरद पूर्णिमा की रात्रि को चंद्रमा की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन चांद अपनी पूर्ण कला-शक्ति से परिपूर्ण होता है। इसलिए चंद्रमा को तांबे के पात्र में जल, अक्षत, सफेद फूल और कच्चा दूध मिलाकर अर्घ्य दें। इससे धन में वृद्धि होती है और मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
शरद पूर्णिमा की रात को चावल और मेवों से बनी खीर को खुले आसमान के नीचे चंद्रमा की किरणों में रखने का बड़ा महत्व है। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा की अमृत तुल्य रोशनी खीर पर पड़ने से घर में समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है। यह विधि माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का भी श्रेष्ठ तरीका है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। घर के ईशान कोण में उनकी मूर्ति स्थापित कर विधि-विधान से पूजा करें। यह माना जाता है कि इस पूजा से घर में कभी धन की कमी नहीं होती।
शरद पूर्णिमा पर दान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन सप्तधान्य यानी सात प्रकार के अनाज का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा सफेद कपड़े, दूध और चीनी का दान भी किया जा सकता है। इससे सभी कार्यों में सफलता और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी घर-घर जाकर उन लोगों को देखते हैं जो जागरूक होकर उनका पूजन और मंत्र जाप करते हैं। इस दिन तुलसी के माला से 108 बार “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करना धन वृद्धि और शांति की प्राप्ति का अचूक उपाय माना जाता है।