Mauni Amavasya 2023: मौनी अमावस्या शनिवार की सुबह 6.27 बजे प्रवेश करेगी। सूर्य देव भी अमावस्या की तिथि में उदित होंगे। महंत स्वामी विजयानन्द सरस्वती ने बताया कि मौनी अमावस्या के साथ शनिवार का संयोग 20 साल बाद बन रहा है। इस अमावस्या को दान और पूजा का बहुत बड़ा महत्व होता है। जिन पर शनि की महादशा चल रही है, वे इस दिन पूजा करके शनि देव से प्रार्थना कर सकते हैं।
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मेष
इस राशि वाले जातकों को मानसिक सुख मिलेगा। दफ्तर में अफसरों का सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी की सेहत खराब हो सकती है। परिवार का सहयोग मिलेगा। घर में धार्मिक कार्य हो सकते है। विवाद से बचें।
वृष
परिवार के सहयोग से व्यवसाय में सफलता मिलेगी। मन में प्रसन्न रहेगा।आत्मविश्वास बढे़गा। पुराने दोस्त घर पर आ सकता है। शिक्षा के लिए विदेश जाने की संभावना है।
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मिथुन
पिता का सानिध्य मिलेगा। वाणी में कठोरता रहेगी। किसी बात पर क्रोध आ सकता है। धार्मिक संगीत में मन लगेगा। माता का सहयोग मिलेगा। घर में रिशतेदार आ सकते है।
कन्या
मानसिक सुख की प्राप्ती होगी। नौकरी में ट्रांसफर की संभावना है। आज अधिक परिश्रम करना पड़ेगा। घर में धार्मिक कार्यक्रम हो सकते हैं। पुराना दोस्त घर पर आ सकता हैं।
इस साल मौनी अमावस्या के दिन शनि अमावस्या भी है। ऐसे में इस दिन स्नान करने के बाद शनि देव की पूजा जरूर करें। उन्हें काला तिल और सरसों का तेल अर्पित करें। शनि गोचर के कारण जिन राशियों पर शनि की साढेसाती और ढैय्या शुरू हुई है। इस दिन शनि देव की उपाय करने से इनका दुष्प्रभाव कम हो जाता है।
सूर्यास्त के बाद पीपल के वृक्ष के पास दीपक जलाएं।
शनिदेव को तेल अर्पित करें और पूजन करें।
पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाएं और पूजा करें इसके बाद सात परिक्रमा करें।
हर शनिवार सुबह-सुबह स्नान आदि कर्मों से निवृत्त होकर तेल का दान करें।
हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का चढ़ाएं।
शनि चालीसा का पाठ करें।