Mangalwar Ke Totke
नई दिल्ली : Hanuman Mantra Effect : हनुमानजी के बहुत सारे मंत्र हैं। वैदिक मंत्र, पौराणिक मंत्र, साबर मंत्र और तांत्रिक मंत्र। सभी को जपने का तरीका और सभी के प्रभाव अलग-अलग है। गृहस्थ लोगों को उनके मूल मंत्र का ही जप करना चाहिए। कहते हैं कि यदि कर्म अच्छे हैं तो उनका मंत्र तुरंत ही सिद्ध होने लगता है। कम से कम 43 दिनों तक रोज एक माला लगातर जपने से यह मंत्र सिद्ध होने लगता है। आओ जानते हैं उनके मंत्र को जपने से क्या प्रभाव होता है।
मंत्र का प्रभाव और परिणाम : उपरोक्त मंत्र को जपते रहने से जब यह मंत्र सिद्धि होने लगेगा तो एक दिन आपको यह अहसास होने लगेगा कि धीरे-धीरे आपके संकट दूर होने लगे हैं। आपको हर क्षण यह अहसास होने लगेगा कि आपकी सहायता करने के लिए कोई आसपास है। आपकी सोची हुई बात या मनोकामना पूर्ण होने लगेगी। सभी तरह की अलाबला दूर हो जाती है। आप खुद को बंधन मुक्ति जैसे महसूस करेंगे। मन का भय धीरे-धीरे मिट जाता है। निश्चिंत और निर्भक जीवन की और आपके कदम बढ़ते जाएंगे। सफलता के मार्ग में आर रही रुकावटें दूर हो जाएगी।
Hanuman Mantra Effect : सुबह हनुमाजी के चित्र को एक स्वच्छ पाट पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें। धूप दीप जलाएं और भोग लगाएं। इसके बाद खुद कुशासन पर बैठकर आंखें बंदकर एक माला यानी 108 बार जप करें। इस इसी मंत्र को दिनभर मन ही मन जपते रहें। जब भी याद आए जपते रहें।
आपके जीवन में किसी भी प्रकार की घटना दुर्घटना के योग नहीं बनेंगे। हर जगह से आप बचकर निकल जाओगे। कोई शत्रु आपका कुछ बिगाड़ नहीं पएगा। निर्दोष हो तो कोर्ट कचहरी के मुकदमों में जीत होगी। हनुमानजी का विशेष आशीर्वाद मिलेगा। उनके गण आपकी सहायता के लिए आएंगे।
Hanuman Mantra Effect : हनुमान जी के सुलभ दर्शन के लिए, यदि नित्य मंत्र का पाठ किया जाए- ‘ॐ हं पवननन्दनाय स्वाहा।’
कठिन कार्यों की सफलता के लिए- ‘दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।’
इच्छापूर्ति के लिए।- ‘और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै।’
ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए- ‘अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता।’
वाद-विवाद तथा न्यायालय आदि के लिए यह मंत्र प्रयोग किया जा सकता है- ‘ॐ हं हनुमते नम:।’
शत्रु से अधिक भय हो, डर हो, तो यह मंत्र प्रयोग उचित रहेगा- ‘ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्।’
शत्रु बलवान होने पर यह जप निश्चित लाभ देता है- ‘ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा।’
असाध्य रोगों के लिए इस मंत्र का प्रयोग करें- ‘ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।’
सर्व सुख-शांति के लिए यह मंत्र जपें- ‘ॐ नमो भगवते हनुमते नम:।’
– ॐ हं हनुमते नम:
– ॐ अं अंगारकाय नमः
– मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
– अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥