Mokshada Ekadashi 2025: दिसंबर में आने वाली मोक्षदा एकादशी व्रत, कब रखें, किस समय करें पूजा और कैसे मिलेगा सर्वोच्च फल? पूरी जानकारी यहां

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी, मोक्षदा एकादशी, भगवान विष्णु को समर्पित है। इस साल यह व्रत 1 दिसंबर को किया जाएगा। व्रत का पालन करने से पुण्य मिलता है। पूजा विधि और शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें और विधिपूर्वक व्रत करें।

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  • Publish Date - November 16, 2025 / 11:46 AM IST,
    Updated On - November 16, 2025 / 12:00 PM IST

(Mokshada Ekadashi 2025, Image Credit: IBC24 News Customize)

HIGHLIGHTS
  • मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को होती है।
  • यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है।
  • व्रत करने से पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। हिंदू धर्म में इसे श्री हरि की कृपा पाने का सरल और प्रभावशाली मार्ग माना जाता है। वर्ष में कुल 24 एकादशी तिथियां आती हैं, जिनमें प्रत्येक मास का शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी शामिल होती है। इस साल मोक्षदा एकादशी 1 दिसंबर को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने वाले भक्तों के कष्ट दूर होते हैं और उन्हें बैकुंठ धाम में स्थान मिलता है।

मोक्षदा एकादशी का समय और मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि इस साल 30 नवंबर की रात 9:29 बजे से प्रारंभ होगी और 1 दिसंबर की सुबह 7:01 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर को किया जाएगा।

पूजा विधि

मोक्षदा एकादशी के दिन इस विधि से पूजा करें:

  • सुबह स्नान करें और साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • भगवान विष्णु का जलाभिषेक करें।
  • पीले वस्त्र, रोली और अक्षत अर्पित करें।
  • पीला भोग भगवान को चढ़ाएं।
  • एकादशी व्रत की कथा पढ़ें।
  • विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  • पूजा के अंत में आरती करके विधि संपन्न करें।

मोक्षदा एकादशी का धार्मिक महत्व

मोक्षदा एकादशी का नाम ही इसके महत्व को दर्शाता है। विष्णु पुराण के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था कि इस व्रत से भक्त को बैकुंठ धाम में स्थान मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत से न केवल व्यक्ति के पाप खत्म होते हैं, बल्कि वह मोक्ष प्राप्त करता है। इसके अलावा इस व्रत के फल से व्रत करने वाले के पूर्वजों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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मोक्षदा एकादशी कब है?

इस साल मोक्षदा एकादशी 1 दिसंबर को मनाई जाएगी।

मोक्षदा एकादशी किस देवता को समर्पित है?

यह व्रत मुख्य रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है।

इस दिन व्रत करने का लाभ क्या है?

इस व्रत से पाप नष्ट होते हैं, मोक्ष की प्राप्ति होती है और पूर्वजों की मुक्ति भी संभव है।

मोक्षदा एकादशी की पूजा कैसे करें?

स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर पूजा करें, दीप जलाएं, भगवान विष्णु का जलाभिषेक करें, पीले वस्त्र और भोग अर्पित करें, कथा सुनें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।