Anti Naxal Operation CG | Photo Credit: IBC24
रायपुर: Anti Naxal Operation CG तेलंगाना-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर चले रहे नक्सल ऑपरेशन चल रहा है। ये एंटी नक्सल अभियान है। जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, रोजाना इसमें नए-नए अपडेट सामने आ रहे हैं। नक्सलियों के टॉप कमांडर कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर चारो तरफ से घिर चुके हैं। जिसके चलते एक बार फिर नक्सलियों ने शांतिवार्ता का दांव चला है और एक नया पत्र जारी किया है जिसमें लिखा है कि संविधान में लोगों को जो जीने का अधिकार दिया गया है उसे उन्हीं लोगों द्वारा कुचला जा रहा है जो कहते हैं कि हम संवैधानिक तरीके से चुनी गई सरकार हैं। छत्तीसगढ़, तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा इलाके की नाकेबंदी कर तेलंगाना, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र से 10 हजार पुलिस, अद्धसैनिक बलों और कमांडो बलों की तैनाती कर 3 दिनों से एक बड़ा आपरेशन कर रही है। हमारी केंद्रीय कमेटी की अपील है कि शांति वार्ता के लिए और समस्या के हल के लिए युद्धविराम लागू किया जाए ताकि शांतिवार्ता के लिए अनुकूल महौल बने।
Anti Naxal Operation CG तेलंगाना-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन चल रहा है। भीषण गर्मी के बीच परिस्थितियां और हालात जवानों के विपरित हैं। लेकिन छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना पुलिस के ये जवान पिछले 7 दिन से मोर्चे पर डटे हैं। करीब 5 हजार जवानों ने नक्सलियों को चारों तरफ से घेर रखा है। नक्सलियों ने जगह-जगह लैंड माइंस और IED बिछा रखे हैं। लिहाजा सुरक्षाबल पूरी सतर्कता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। जाहिर है कर्रेगुटा की पहाड़ी में हिड़मा, देवा, दामोदर समेत नक्सलियों के बड़े नेताओं के छिपे होने की संभावना है।
एक तरफ बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन चल रहा है तो दूसरी तरफ तेलंगाना में कांग्रेस और BRS एक सुर में सीजफायर और शांतिवार्ता के पक्ष में खड़े हो गए हैं। सीएम रेवंत रेड्डी ने इसे लेकर शांति समिति से मुलाकात की वहीं तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव और उनकी बेटी के कविता ने सरकार से ऑपरेशन रोकने और आदिवासियों के नरसंहार का आरोप लगाया है।
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के चंद्रशेखर राव के बयान पर छत्तीसगढ़ में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं ने KCR के बयान को गैर जरुरी बताया और KCR पर नक्सलियों की भाषा बोलने का आरोप लगाया।
राजधानी रायपुर के सियासी गलियारों में भी इस ऑपरेशन को लेकर हलचल तेज है। सोमवार को भी साय सरकार ने नक्सल कार्रवाई को लेकर मंत्रायल में बैठक की। जिसमें विजय शर्मा और विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के दौरान सीएम साय ने एक बार फिर नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए सरकार का संकल्प दोहराया।
नक्सलवाद के खात्मे के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 की तारीख तय कर दी है। बीजेपी और कांग्रेस ने सियासी मतभेदों को परे रखकर इस ऑपरेशन का समर्थन किया है। दूसरी तरफ नक्सली लगातार शांति वार्ता और सीजफायर वाला दांव बदस्तूर चल रहे हैं। हालांकि सरकार ने दो टूक संदेश दे दिया है कि बंदूक का जवाब बंदूक से दिया जाएगा।