कोलकाता, 12 सितंबर (भाषा) भारतीय डिफेंडर अनवर अली, उनकी मौजूदा टीम ईस्ट बंगाल और मूल क्लब दिल्ली एफसी ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और मोहन बागान के साथ चार साल के अनुबंध को ‘अवैध रूप से समाप्त’ करने के लिए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा खिलाड़ी पर लगाए गए निलंबन पर रोक लगाने की मांग की।
एआईएफएफ ने मंगलवार को डिफेंडर को ‘दोषी’ पाते हुए अनवर पर चार महीने का निलंबन लगाया और उन्हें तथा दोनों क्लबों को मोहन बागान को 12.90 करोड़ रुपये का भारी मुआवजा देने को कहा।
दिल्ली एफसी के मालिक रंजीत बजाज ने पीटीआई से कहा, ‘‘हां, हमने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है और इसे कल के लिए सूचीबद्ध किया गया है। तीनों पक्षों ने विभिन्न आधार पर याचिका दायर की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम खिलाड़ी को आने वाले दिनों में मैच में खेलने से वंचित कैसे रहने दे सकते हैं। आप पैसे तो वापस पा सकते हैं लेकिन मैच खेले जाने के बाद आप उन्हें वापस नहीं पा सकते, आप समय वापस नहीं पा सकते।’’
ईस्ट बंगाल के शीर्ष अधिकारी देबब्रत सरकार ने कहा कि उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है क्योंकि वे नहीं चाहते कि खिलाड़ी शुक्रवार से शुरू हो रही इंडियन सुपर लीग में तब तक मैच नहीं खेल पाए तब तक कि एआईएफएफ की अपील समिति इस मामले पर कोई निर्णय नहीं ले लेती।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपील समिति के पास गए हैं जब तक अपील समिति फैसला नहीं ले लेती कि हम चाहते हैं कि अनवर तब तक खेले। तब तक उन्हें खेलने से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। खिलाड़ी के करियर पर किसी भी कीमत पर असर नहीं पड़ना चाहिए। यही हमारा तर्क है, इसके अलावा कुछ नहीं। देखते हैं बाद में क्या होता है।’’
भाषा सुधीर नमिता
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