जाफर ने चयन में हस्तक्षेप के कारण उत्तराखंड के कोच पद से इस्तीफा दिया

जाफर ने चयन में हस्तक्षेप के कारण उत्तराखंड के कोच पद से इस्तीफा दिया

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  • Publish Date - February 9, 2021 / 01:40 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

नयी दिल्ली, नौ फरवरी (भाषा) भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने 20 फरवरी से शुरू होने वाले विजय हजारे ट्रॉफी से पहले ‘टीम चयन में हस्तक्षेप’ के कारण उत्तराखंड के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा दे दिया ।

उत्तराखंड क्रिकेट संघ (सीएयू) ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है।

जाफर ने संघ को भेजे ई-मेल में लिखा, ‘‘ मैं खिलाड़ियों के लिए वास्तव में दुखी हूं क्योंकि मुझे लगता है कि उनके पास बहुत सारी संभावनाएं हैं और वे मुझसे बहुत कुछ सीख सकते हैं लेकिन गैर-योग्य खिलाड़ियों के चयन के लिए चयनकर्ताओं और सचिवों के हस्तक्षेप और पूर्वाग्रह के कारण वे ऐसे अवसर से वंचित हैं।’’

सीएयू के सचिव माहिम वर्मा ने हालांकि जाफर के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें वह सब कुछ दिया गया है जो उन्होंने राज्य टीम के कोच के रूप में नियुक्त होने के बाद मांगा था।

वर्मा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ हमने उनकी हर मांग को पूरा किया। एक महीने के सत्र पूर्व शिविर लगाने के अलावा हमनें उन्हें अपनी पसंद के बाहरी खिलाड़ियों, प्रशिक्षक और गेंदबाजी कोच को चयन करने दिया, लेकिन चयन मामलों में उनका हस्तक्षेप बहुत अधिक हो रहा था।’’

सीएयू हालांकि जाफर के कोच रहते सैयद मुश्ताक अली ट्राफी राष्ट्रीय टी20 प्रतियोगिता में टीम के प्रदर्शन से खुश नहीं है।

वर्मा ने कहा, ‘‘ सैयद मुश्ताक अली ट्राफी में टीम का प्रदर्शन हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। इसके बाद चयनकर्ता कुछ अन्य खिलाड़ियों को आजमाना चाहते थे, लेकिन वह अपनी टीम चुनने पर जोर देते रहे, जो चयनकर्ताओं के लिए सही नहीं है।’’

जाफर को पिछले साल मार्च में यह जिम्मेदारी सौपी गयी थी। उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा, ‘‘ बहुत दुख के साथ आप सभी को सूचित करने के लिए यह ई-मेल लिख रहा हूं कि मैं तत्काल प्रभाव से सीएयू की सीनियर टीम के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा दे रहा हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सीएयू के मानद सचिव अगर इस तरह के काम के माहौल को विकसित करना चाहते हैं जिसमें मुझे टीम के कल्याण और प्रदर्शन से संबंधित कुछ निर्णय नहीं लेने देंगे, तो मेरे लिए मुख्य कोच के रूप में बने रहने का कोई वैध कारण नहीं है ।”

भाषा आनन्द मोना

मोना