कुंबले की तरह, पंत का फ्रैक्चर के साथ बल्लेबाजी करना 50 साल तक याद रखा जाएगा: मांजरेकर

कुंबले की तरह, पंत का फ्रैक्चर के साथ बल्लेबाजी करना 50 साल तक याद रखा जाएगा: मांजरेकर

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  • Publish Date - July 24, 2025 / 10:03 PM IST,
    Updated On - July 24, 2025 / 10:03 PM IST

मैनचेस्टर, 24 जुलाई (भाषा) ऋषभ पंत का पैर में फ्रैक्चर के साथ बल्लेबाजी के लिए उतरना 2002 में अनिल कुंबले का टूटे जबड़े के साथ गेंदबाजी करते हुए ब्रायन लारा को आउट करने की तरह याद रखा जाएगा जो भारतीय उप-कप्तान की टीम के प्रति प्रतिबद्धता और बहादुरी का प्रमाण है।

पंत इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के पहले दिन क्रिस वोक्स की गेंद पर रिवर्स स्वीप करने की कोशिश में 37 रन पर रिटायर्ड हर्ट हो गए। स्कैन से पता चला कि उनके दाहिने पैर में फ्रैक्चर हो गया है।

दूसरे दिन वह क्रीज पर वापस लौटे और दर्द के बावजूद खेलते हुए उन्होंने अर्धशतक बनाया और दो साझेदारियों में भी योगदान दिया।

मांजरेकर ने ‘जियो हॉटस्टार’ से कहा, ‘‘जब आप इस तरह की चीजें करते हैं जैसे अनिल कुंबले का जबड़े पर पट्टी बांधकर गेंदबाजी करना तो ये इतिहास के वो पल होते हैं जिन्हें आप 50 साल बाद भी याद रखेंगे। यह दर्शाता है कि वह भारत के लिए खेलने को कितने प्रतिबद्ध हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट में कुछ खास बात होती है, खासकर जब यह इंग्लैंड में खेला जा रहा हो। एक क्रिकेटर के तौर पर आपके ऊपर कितना ध्यान होता है। यहीं वह अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते हैं। अगर आपको हैरानी हो रही है कि उन्होंने सफेद गेंद के क्रिकेट में वैसा प्रभाव क्यों नहीं डाला तो शायद यही वजह है। क्योंकि पंत किसी भी अन्य प्रारूप से ज्यादा टेस्ट क्रिकेट पर अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं। ’’

मांजरेकर को लगता है कि मैदान पर जाकर बल्लेबाजी करना पूरी तरह से पंत का फैसला था। उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने ऋषभ पंत को गौतम गंभीर के साथ बातचीत करते देखा तो वह सफेद कपड़ों में थे। हमें लगा कि शायद वह पारी के अंत में बल्लेबाजी करने आएंगे। किसने सोचा था कि वह अगला विकेट गिरने के बाद मैदान पर उतरेंगे? ’’

मांजरेकर ने कहा, ‘‘वह चोटिल हैं लेकिन इस खिलाड़ी को नजरअंदाज मत कीजिए। अगर किसी दिन उसे बताया जाए कि वह अपने पैर नहीं हिला सकता तो भी उसके हाथ-आंख का समन्वय इतना शानदार है कि वह फिर भी हावी हो जाएगा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए इंग्लैंड को चिंता होगी कि पंत वापस आ गया है। हालांकि वह साफ तौर पर दर्द में दिख रहा था। यह पूरी तरह पंत का फैसला है। उसने तय किया, ‘मैं मैदान पर जाऊंगा। ’’

भाषा नमिता सुधीर

सुधीर