वर्ष 2022 में भी भारतीय भारोत्तोलन में मीराबाई का दबदबा रहा बरकरार |

वर्ष 2022 में भी भारतीय भारोत्तोलन में मीराबाई का दबदबा रहा बरकरार

वर्ष 2022 में भी भारतीय भारोत्तोलन में मीराबाई का दबदबा रहा बरकरार

:   Modified Date:  December 27, 2022 / 01:28 PM IST, Published Date : December 27, 2022/1:28 pm IST

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) मीराबाई चानू ने विश्व चैंपियनशिप में अपना दूसरा पदक जीतकर वर्ष 2022 में भारतीय भारोत्तोलन में अपना दबदबा बरकरार रखा जबकि अन्य खिलाड़ियों ने भी राष्ट्रमंडल खेलों में अपनी चमक बिखेरी।

मणिपुर की रहने वाली मीराबाई ने राष्ट्रमंडल खेलों में 49 किग्रा में पहला स्थान हासिल करके भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। यहां राष्ट्रमंडल खेलों में उनका तीसरा पदक और लगातार दूसरा स्वर्ण पदक था।

उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर साल का शानदार अंत किया। इससे पहले उन्होंने 2017 में इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने कुल 200 किग्रा भार उठाया। मीराबाई ने स्नैच में 87 और क्लीन एवं जर्क में 113 किग्रा भार उठाया था। क्लीन एवं जर्क वर्ग में भी उन्होंने रजत पदक हासिल किया था।

स्नैच में हालांकि वह इस वर्ष भी 90 किग्रा वजन नहीं उठा पाई जिसके लिए वह 2020 से ही प्रयास कर रही हैं।

भारतीय भारोत्तोलकों ने इस साल जुलाई-अगस्त में बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में अपनी चमक बिखेरी तथा कुछ रिकॉर्ड भी बनाएं।

जेरेमी लालरिनुंगा ने 300 किग्रा (140 किग्रा और 160 किग्रा) भार उठाकर स्नैच और कुल वजन में राष्ट्रमंडल खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया। अचिंता श्युली ने भी 313 किग्रा (143 किग्रा और 170 किग्रा) के प्रयास से स्नैच और कुल वजन में खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया।

राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय भारोत्तोलकों ने कुल 10 पदक जीते जिनमें तीन स्वर्ण, इतने ही रजत और चार कांस्य पदक शामिल हैं।

मीराबाई (49 किग्रा), जेरेमी (73 किग्रा) और अचिंता (77 किग्रा) ने जहां स्वर्ण पदक जीते, वहीं संकेत सागर (55 किग्रा), विकास ठाकुर (96 किग्रा), एस बिंदरानी (55 किग्रा) ने रजत पदक जबकि पी गुरुराजा (61 किग्रा), लवप्रीत सिंह (109 किग्रा), गुरदीप सिंह (109 किग्रा से अधिक) और हरजिंदर कौर (71 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते।

भारत राष्ट्रमंडल खेलों की भारोत्तोलन प्रतियोगिता की पदक तालिका में शीर्ष पर रहा था लेकिन मीराबाई को छोड़कर कोई भी अन्य खिलाड़ी इस लय को आगे बरकरार नहीं रख पाया। इनमें से अधिकतर ने एशियाई और विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लिया।

वर्ष 2022 में भारत को हर्षदा गरुड़ के रूप में खेल में अपना पहला जूनियर विश्व चैंपियन मिला। इस 19 वर्षीय खिलाड़ी ने वह कारनामा किया जो मीराबाई भी अपने जूनियर करियर के दौरान नहीं कर पाई थी। उन्होंने 45 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। हर्षदा ने इसके बाद एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा।

पिछले कुछ समय से डोपिंग और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मसलों से जूझ रहे भारोत्तोलन को लॉस एंजिल्स में 2028 में होने वाले ओलंपिक खेलों में शामिल नहीं किया गया है।

लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ ने कुछ कदम उठाए हैं जिससे कि इस खेल को लॉस एंजिल्स खेलों में शामिल करने की संभावना बढ़ गई है।

भाषा पंत

पंत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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