एमवाईएएस ने नशे के खिलाफ रणनीति के लिए ‘युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन’ की घोषणा की

एमवाईएएस ने नशे के खिलाफ रणनीति के लिए ‘युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन’ की घोषणा की

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  • Publish Date - July 14, 2025 / 04:39 PM IST,
    Updated On - July 14, 2025 / 04:39 PM IST

नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) नशे की लत के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए युवा मामले और खेल मंत्रालय (एमवाईएएस) 18 जुलाई से वाराणसी में तीन दिवसीय ‘युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन’ आयोजित करने जा रहा है, जहां 500 युवा प्रतिनिधि इस बुराई के खिलाफ ‘विचार-विमर्श कर रणनीतियां बनाएंगे’।

इस सम्मेलन का उद्देश्य 2047 तक भारत को नशा मुक्त बनाने के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय रणनीति तैयार करना है।

इसके लिए पंजीकरण 18 जुलाई को शुरू होगा जबकि सम्मेलन की शुरुआत इसके अगले दिन होगी। सम्मेलन में चर्चा के आधार पर ‘काशी घोषणापत्र’ के नाम से कार्य योजना जारी की जायेगी।

इस सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्रालय, सामाजिक न्याय मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, नालसा (राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण) और 100 आध्यात्मिक संगठनों के युवा विभाग एक साथ मंच पर आएंगे।

वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में होने वाले इस सम्मेलन में प्रत्येक आध्यात्मिक संगठन के पांच प्रतिनिधियों सहित कुल 500 प्रतिभागी शामिल होंगे।

 सम्मेलन में इस बात पर ध्यान दिया जायेगा कि स्थानीय निकाय, सहकारी समितियां और शैक्षणिक संस्थान सरकार के सहयोग से ‘काशी घोषणा पत्र’ के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किस तरह एक साथ आ सकते हैं ।

केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने इस पहल के बारे कहा कि यह सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने के दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसमें युवा सबसे बड़े हितधारक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा देश युवा है और युवा हमारी ताकत हैं। नशा और ड्रग्स बड़ी समस्याएं हैं। इसलिए हम हर उस मंच को शामिल करना चाहते हैं जहां युवा हैं। चाहे वह स्कूल हो या कॉलेज… हमें बड़े राष्ट्रव्यापी अभियान की आवश्यकता है।’’

मांडविया ने कहा, ‘‘हम भारत को नशा मुक्त बनाना चाहते हैं और यह कार्यक्रम उस लक्ष्य की दिशा में कार्ययोजना को आकार देने के लिए है।’’

मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम एक सतत प्रक्रिया होगी और हर साल इसकी समीक्षा कर नये लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम हर साल एक लक्ष्य तय करेंगे और हर साल उसकी समीक्षा की जाएगी। हम इसे जन आंदोलन बनाना चाहते हैं।’’

शिखर सम्मेलन के चार पूर्ण सत्रों में विभिन्न विषयों को शामिल किया जाएगा, जिनमें नशे की लत को समझना और युवाओं पर इसका प्रभाव; तस्करों के नेटवर्क और व्यावसायिक हितों को खत्म करना; प्रभावी अभियान और पहुंच; तथा 2047 तक नशा मुक्त भारत के लिए व्यापक प्रतिबद्धता तैयार करना शामिल है।

भाषा आनन्द पंत

पंत