ओसाका ने आस्ट्रेलियाई ओपन खिताब जीता

ओसाका ने आस्ट्रेलियाई ओपन खिताब जीता

  •  
  • Publish Date - February 20, 2021 / 10:59 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:13 PM IST

मेलबर्न, 20 फरवरी (एपी) जापान की नाओमी ओसाका ने शनिवार को यहां महिला एकल फाइनल में जेनिफर ब्रैडी को सीधे सेटों में हराकर आस्ट्रेलियाई ओपन खिताब अपनी झोली में डाला जो उनकी चौथी ग्रैंडस्लैम ट्रॉफी है।

ओसाका ने ग्रैंडस्लैम में आठवीं बार खेलते हुए चौथा खिताब जीता, उन्होंने फाइनल में लगातार छह गेम हासिल कर 6-4, 6-3 से जीत दर्ज की।

अपनी मजबूत सर्विस से ओसाका ने छह ऐस जमाकर मेजर फाइनल्स का स्कोर 4-0 किया और मोनिका सेलेस के 30 साल पहले इस तरह से अपना करियर शुरू करने के बाद वह ऐसा करने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं।

ओसाका ने पिछले साल अमेरिकी ओपन खिताब जीता था। उन्होंने 2018 में अमेरिकी ओपन और 2019 में आस्ट्रेलियाई ओपन की ट्राफी हासिल की थी। तेईस साल की ओसाका का जन्म जापान में हुआ लेकिन जब वह तीन वर्ष की थी अपने परिवार के साथ अमेरिका बस गयी थीं।

वहीं 25 वर्षीय अमेरिकी खिलाड़ी ब्रैडी अपना पहला ग्रैंडस्लैम फाइनल खेल रही थीं। जब वह जनवरी में आस्ट्रेलियाई आयी थी तो उन्हें फ्लाइट में किसी के कोविड-19 पॉजिटिव आने के कारण 15 दिन कड़े पृथकवास से गुजरना पड़ा था।

स्टेडियम में करीब 7,500 दर्शकों को बैठने की अनुमति दी गयी जबकि कोविड-19 लॉकडाउन के कारण पांच दिन तक टूर्नामेंट के शुरू में दर्शकों का प्रवेश बंद कर दिया गया था।

केवल दो सक्रिय महिला खिलाड़ियों के पास ही ओसाका से ज्यादा ग्रैंडस्लैम खिताब हैं और वो हैं सेरेना विलियम्स (23) और वीनस विलियम्स (सात)।

अब ओसाका के लिये अगला काम क्ले और घास पर अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा क्योंकि वह फ्रेंच ओपन या विम्बलडन में तीसरे दौर से आगे नहीं पहुंच सकी हैं।

शनिवार को फाइनल का शुरूआती सेट 4 ऑल था, जब ब्रैडी ने शानदार विनर जमाया जिससे स्टेडियम में बैठे दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका उत्साह बढ़ाया।

इससे उन्हें एक ब्रेक प्वाइंट मिला लेकिन ओसाका ने क्रास कोर्ट फारहैंड विनर से इसे खत्म कर दिया और ब्रैडी की दो गलतियों से स्कोर 5-4 हो गया।

ओसाका ने फिर सर्विस ब्रेक कर सेट अपने नाम किया जिसमें ब्रैडी की डबल फाल्ड ने भी मदद की।

दूसरे सेट में ओसाका 4-0 से आगे हो गयी जो लगातार छह गेम प्वाइंट का ही हिस्सा था और फिर आसानी से उन्होंने इसे अपने नाम कर लिया।

एपी नमिता मोना

मोना