युवा जूडो खिलाड़ी लिंथोई की निगाहें पेरिस ओलंपिक पर

युवा जूडो खिलाड़ी लिंथोई की निगाहें पेरिस ओलंपिक पर

युवा जूडो खिलाड़ी लिंथोई की निगाहें पेरिस ओलंपिक पर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:21 pm IST
Published Date: August 27, 2022 3:48 pm IST

साराजेवो (बोस्निया-हर्जेगोविना), 27 अगस्त (भाषा) भारत ने ‘मार्शल आर्ट्स’ में राष्ट्रमंडल स्तर के अलावा वैश्विक स्तर पर ज्यादा पदक अपने नाम नहीं किये हैं लेकिन 16 साल की मणिपुरी लिंथोई चानाम्बाम से बेहतर भविष्य की उम्मीद बंधी है।

लिंथोई ने साराजेवो में विश्व कैडेट जूडो चैम्पियनशिप में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता जिससे वह टूर्नामेंट में किसी भी आयु वर्ग में पदक जीतने वाली देश की पहली खिलाड़ी बन गयीं।

मणिपुर की 15 साल की खिलाड़ी ने ब्राजील की बियांका रेस को पछाड़कर महिलाओं के 57 किग्रा वर्ग में शीर्ष स्थान हासिल किया।

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वर्चुअल मीडिया कांफ्रेंस में लिंथोई ने कहा, ‘‘यह शानदार महसूस हो रहा है। यह शानदार अहसास है। ऐसा लग रहा है जैसे मैंने अपने दिल से सबकुछ किया और नतीजा आपके सामने है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 2014 से जूडो शुरू किया था और अक्टूबर 2017 में मैं बेल्लारी में इंस्पायर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (आईआईएस) में आयी। पिछले पांच वर्षों में सभी से काफी सहयोग मिला और मेरी जिंदगी सचमुच बदल गयी। ’’

लिंथोई की निगाहें बड़े टूर्नामेंट में प्रदर्शन करने पर लगी हैं जिसमें पेरिस ओलंपिक 2024 भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पेरिस में पदक जीतने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ करूंगी लेकिन अगर पेरिस में नहीं हो सका तो निश्चित रूप से मैं 2028 ओलंपिक (लास एजिंल्स) में ऐसा कर सकती हूं। ’’

भाषा नमिता पंत

पंत


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