छत्तीसगढ़ चुनाव 2018 : पहली बार चुनाव लड़ रहे दो प्रत्याशियों ने दिग्गजों को दी शिकस्त,तो वहीं पिता के हार का बदला बेटे ने लिया

छत्तीसगढ़ चुनाव 2018 : पहली बार चुनाव लड़ रहे दो प्रत्याशियों ने दिग्गजों को दी शिकस्त,तो वहीं पिता के हार का बदला बेटे ने लिया

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  • Publish Date - December 13, 2018 / 07:07 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:36 PM IST

कोरबा। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव 2018 में कई चौंकाने वाले परिणाम सामने आए कोरबा जिले में भी पूरे प्रदेश की ही तरह अलग अलग राजनीतिक उठापटक भी देखने को मिले इस चुनाव में जहां पहली बार चुनाव लड़ रहे दो प्रत्याशियों ने दिग्गजों को शिकस्त दी तो वहीं बाप के हार का बदला बेटे ने लिया। कोरबा जिले की बात करें तो यहां के 4 विधानसभा सीटों में पिछली बार की ही तरह राजनीतिक दलों को 3-1 का ही लाभ मिला यानी कांग्रेस को 3 सीटें मिली वहीं भाजपा के खाते में 1 सीट रही।

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अगर हम बात करें कोरबा विधानसभा क्षेत्र की तो यहां चुनावी मैदान में कांग्रेस ने दो बार के विधायक जयसिंह अग्रवाल को चुनाव मैदान में उतारा था तो वहीं भाजपा इस सीट को जीतने के लिए युवा चेहरे विकास महतो पर दांव खेला था। विकास इसलिए भी बेहद अहम प्रत्याशी थे क्योंकि उनके पिता सांसद थे ऐसे में कोरबा विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर नजर आई और इस टक्कर में कांग्रेस के जयसिंह अग्रवाल ने भाजपा के विकास महतो को शिकस्त दी मगर इस हार जीत के खेल में जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी राम सिंह अग्रवाल का बेहद अहम रोल रहा क्योंकि 20,000 से ज्यादा मत पाकर जोगी कांग्रेस ने कमल को मुरझा दिया।

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इसी तरह बात रामपुर विधानसभा क्षेत्र की करें तो यहां मुकाबला कांग्रेस के वर्तमान विधायक श्यामलाल कँवर और भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता ननकीराम कंवर के बीच था मगर इस सीट पर जोगी कांग्रेस ने राठिया वर्ग को साधते हुए राठिया प्रत्याशी को मैदान में उतारा ऐसे में राठिया बहुल इलाका होने के कारण मुकाबला भाजपा और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के बीच नजर आया इस चुनाव में भाजपा के ननकीराम कंवर ने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के प्रत्याशी फूल सिंह राठिया को शिकस्त देते हुए जीत दर्ज की जबकि विधायक रहते हुए चुनाव लड़ रहे श्यामलाल कंवर तीसरे स्थान पर रहे।

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दिलचस्प मुकाबला कटघोरा विधानसभा क्षेत्र में नजर आया इस सीट पर भाजपा ने विधायक और संसदीय सचिव लखन लाल देवांगन को मैदान में उतारा था जबकि कांग्रेस की तरफ से पुरुषोत्तम कँवर पहली बार मैदान में थे इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प इसलिए भी था क्योंकि भाजपा प्रत्याशी लखन लाल देवांगन ने बोध राम कंवर यानी वर्तमान प्रत्याशी पुरुषोत्तम कवर के पिता को हराकर जीत दर्ज की थी ऐसे में इस सीट पर पिता के हार का बदला बेटे ने लिया यानी पुरुषोत्तम कवर ने जीत दर्ज करते हुए भाजपा प्रत्याशी लखन लाल देवांगन को शिकस्त दी यही नहीं पुरुषोत्तम कँवर पहली बार चुनाव लड़ रहे थे और उन्होंने भाजपा के संसदीय सचिव को हराया। बात अगर पालीताना खार विधानसभा क्षेत्र की करें तो यहां कांग्रेस का गढ़ कायम रहा यहां कांग्रेस ने प्रत्यासी घोषणा के 10 दिन पहले कांग्रेस में शामिल हुए मोहित राम केरकेट्टा को मैदान में उतारा जो पहले भाजपा और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी में भी रह चुके हैं इनके सामने भाजपा ने रामदयाल उइके को मैदान में उतारा था रामदयाल उईके इसी क्षेत्र से तीन बार कांग्रेस के विधायक रह चुके थे ऐसे में दो दलबदलू नेताओं के बीच माना यह जा रहा था कि इसका लाभ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के सुप्रीमो हीरा सिंह मरकाम को मिल सकता है मगर इस इलाके में कांग्रेस का वर्चस्व कायम रहा और नया चेहरा मोहित राम केरकेट्टा विजई रहे दिलचस्प बात यह कि बड़े नेता माने जाने वाले राम दयाल उईके तीसरे स्थान पर रहे और कई बूथों पर तो उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले जबकि दूसरे स्थान पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अध्यक्ष हीरा सिंह मरकाम रहे ऐसे में कहा जा सकता है कि कटघोरा और पालीताना खार विधानसभा सीट पर ने प्रत्याशियों ने दिग्गजों को शिकस्त देते हुए राजनीतिक उठापटक की जिससे भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ और कांग्रेस का हाथ एक बार फिर लहराया है।