छत्तीसगढ़ ​बजट 2021: विधानसभा में बजट पर सामान्य चर्चा, रमन ने अपने ढंग से बताया HEIGHT का अर्थ, तो मरकाम बोले इसमें विकास की नई ऊंचाई की बात

छत्तीसगढ़ ​बजट 2021: विधानसभा में बजट पर सामान्य चर्चा, रमन ने अपने ढंग से बताया HEIGHT का अर्थ, तो मरकाम बोले इसमें विकास की नई ऊंचाई की बात

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  • Publish Date - March 2, 2021 / 12:36 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:15 PM IST

रायपुर। विधानसभा में बजट पर सामान्य चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि वित्तमंत्री के रूप में मुख्यमंत्री ने कल अपने बजट में जिस ऊंचाई HEIGHT का उल्लेख किया । दरअसल वह उनके सलाहकारों और अधिकारियों के द्वारा उनको भ्रम में रखने वाली ऊंचाई है, जबकि राज्य की जनता के इस ऊंचाई HEIGHT का असली अर्थ अन्य है । दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से चर्चा की शुरुआत करते हुए पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने सरकार की उपलब्धियां गिनाई । मोहन मरकाम ने कहा कि राज्य सरकार ने हाइट कांसेप्ट के माध्यम से प्रदेश को विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाने की बात कही है ।

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रमन सिंह ने HEIGHT की असली परिभाषा बताई H – Hollow यह पूरी तरह खोखला बजट है, जनता के कल्याण, राज्य के आर्थिक विकास के बारे में मौन है । E – Exclusionary प्रदेश के बड़े वर्ग को यह बजट छूता नहीं है, गरीब, युवा, बेरोजगार, महिला, अनुसूची जाति और जनजाति वर्ग बजट प्रावधान से अछूता है । I – Imperfect बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने केवल पिछले साल के बजट में आंकड़े बदलकर पेश कर दिया है, सरकार की नीति और कार्ययोजना का अभाव इस बजट में दिखाई दे रहा है, इस बजट में शरीर को सुंदर दिखाया गया है। लेकिन मन और आत्मा नदारद है ।G – Governance Guilt यह बजट सरकार के प्रशासनिक व्यय के बढ़ते भार का पोल खोलता है, जो वित्तीय अनुशासन प्रदेश के पहले वित्तमंत्री स्व रामचंद्र सिंहदेव ने बनाया था । उनकी पार्टी की सरकार उसे भंग कर रही है । प्रशासन पर खर्च बढ़ाने के बाद भी प्रदेश की जनता सुशासन को तरस रही है, कानून व्यवस्था पूरे प्रदेश में ध्वस्त हो चुकी है, जनता के जान माला की रक्षा करने में सरकार विफलभाई, हत्या, लूट, बलात्कार, अपहरण की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, ऊपर से कार्यालयों में काम नहीं हो रहा, भ्रष्टाचार से आम जनता परेशान हो गई है । H – Horror प्रस्तुत बजट के आंकड़े अब डराने लगे हैं, राजकोषीय स्थिति सरकार के बेकाबू होते दिख रही है, ऐसे में जल्दी वह स्थिति आएगी जब सरकार के पास अपने कर्मचारियों, अधिकारियों को वेतन देने के पैसे नहीं रहेंगे, जनकल्याण और विकास की योजनाओं पर इसका असर पड़ने लगा है । T – Terrible, very Unpleasant- यह बजट किसी वर्ग को संतुष्ट करने वाला नहीं है, किसानों को चुनावी घोषणा पत्र के वायदों का लाभ नहीं मिल रहा, बेरोजगारों युवाओं से धोखा कर रही सरकार, शराब बंदी के वायदे को भूलकर शराब की आमदनी से सरकार चल रही है ।

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रमन सिंह ने कहा कि अधिकारियों ने जो ‘हाइट’ समझा और जिसे जनता ने जाना है उसमे बहुत अंतर है, सरकार के वित्तीय घाटे में लगातार बढ़ोतरी हो रही है । 17 हजार 461 करोड़ का वित्तीय घाटा अनुमानित किया है । उन्होंने कहा कि सरकार की आमदनी अट्ठनी और खर्चा ज्यादा है, डॉ रमन ने कहा 15 साल में एक साल भी बता दीजिए जिसने अनुमानित घाटा आय- व्यय के अनुमान से ज्यादा रहा हो ।

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दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से चर्चा की शुरुआत करते हुए पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने सरकार की उपलब्धियां गिनाई । मोहन मरकाम ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘हाइट कांसेप्ट’ के माध्यम से प्रदेश को विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाने की बात कही है । प्रदेश के सभी वर्गों के लिए बजट में प्रावधान किए गए हैं । प्रदेश के छात्रों के लिए अंग्रेजी स्कूल खोलने की बात हो, या किसानों को समृद्ध करने की बात हो । सरकार हर वर्ग के लिए प्रावधान कर रही है । पीसीसी चीफ ने चर्चा के दौरान भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार पर भी जमकर हमले किए ।

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इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक भी होती रही । बजट पर सामान्य चर्चा के दौरान सत्तापक्ष के सदस्यों ने जहां सरकार की उपलब्धियां गिनाई । वहीं विपक्ष ने राज्य सरकार की खामियों को उजागर करने की कोशिश की । बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने बजट पर सामान्य चर्चा करते हुए कहा कि ये बजट घाटे और वस्तुस्थिति को छुपाने वाला है । बजट पारदर्शी नहीं है ये केवल दुर्ग संभाग का बजट है । इसमें क्षेत्रीय संतुलन नहीं है । उन्होंने इस बजट को केवल राजनैतिक बजट बताया । उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि ये कटमनी – पॉकेटमनी का बजट है ।

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