आश्रम संचालक पर प्रताड़ना का आरोप, बच्चों को बाथरूम में बंद कर होती थी पिटाई,एफआईआर दर्ज

आश्रम संचालक पर प्रताड़ना का आरोप, बच्चों को बाथरूम में बंद कर होती थी पिटाई,एफआईआर दर्ज

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  • Publish Date - January 14, 2019 / 05:34 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:33 PM IST

खंडवा।मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के बाल सखा आश्रम में रहने वाले नाबालिग बच्चों ने आश्रम के संचालक राजेश शुक्ला पर मारपीट और प्रताड़ना का आरोप लगाया है। आश्रम को संचालित करने वाले राजेश शुक्ला पर आरोप है की वो शासन से अनुदान लेने के चक्कर में फर्जी तरीके से बच्चों को यहाँ बाल कल्याण समिति की अनुमति के बिना लंबे समय से रख रखा था। बाल कल्याण समिति ने एक पखवाडा पूर्व इसकी शिकायत खंडवा कलेक्टर और एस पी से की. शिकायत के बाद जब कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने इसकी जांच गोपनीय तरीके से करवाई तब दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ गया। इसमें 19 नाबालिग बच्चे रह रहे थे। जिनमें से 9 बच्चे ऐसे थे जो अपने-अपने घर लौटना तो चाह रहे थे लेकिन उन्हें मारपीट कर और डरा धमकाकर यहाँ रखा जा रहा था।

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इतना ही नही आवाज उठाने वाले बच्चे को बाथरूम में बंद कर दिया जाता था और उसे भोजन तक नही दिया जाता था। चाहरदीवारी की ये बाते अंदरखाने में ही दम तोड़ देती थी। लेकिन आश्रम में रहने वाले बच्चों के बयान के बाद जब जांच में सच्चाई सामने आई तब इस आश्रम के संचालक राजेश शुक्ला और उसके दो अन्य सहयोगी के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज कर आश्रम में ताला लगा दिया गया है। वहीं मामला दर्ज होने के बाद से राजेश शुक्ला फरार हो गया है। -बहरहाल, खंडवा में बाल शोषण की ये कोई नई घटना नही है. कहीं स्कूल और आंगनबाडियों के बच्चों के दूध के पैकेट जलाए जा रहे हैं तो कहीं बच्चों के नाम पर ग्रांट लेने के लिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। चाहे नेता हो या अधिकारी ,जरूरत है ऐसी मानसिकता और ऐसे मानसिक विकृति वाले लोगों को सलाखों के पीछे भेजने की ताकि बच्चों के अधिकार के साथ फिर कोई भविष्य में खिलवाड़ नही कर पाए।