मुम्बई, 15 नवंबर (भाषा) अभिनेता अभिषेक बच्चन का कहना है कि उन्हें अहसास हो गया है कि बतौर कलाकार व्यक्ति की सीमाओं से अवगत रहना महत्वपूर्ण है, इसलिए वह उन चीजों के लिए प्रयत्न करने के विरूद्ध हैं जिनका शायद उनके लिए मतलब नहीं है।
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फिल्मकार जे पी दत्ता की रोमांटिक फिल्म ‘रिफ्यूजी’ से सुनहरे पर्दे पर अपनी शुरूआत करने वाले बच्चन ने इसी साल हिंदी फिल्मोद्योग में अपने दो दशक पूरे किये।
बच्चन (44) ने पीटीआई-भाषा से कहा कि फिल्मोद्योग में गुजारे वक्त ने उन्हें स्पष्ट दृष्टि दी कि अपने करियर को कैसे आगे बढ़ाना है।
उन्होंने कहा, ‘‘ अपना किरदार ही नहीं बल्कि मैंने किसी भी फिल्म को संपूर्णता में देखी है। 20 सालों के अनुभव के बाद शायद मैं बेहतर स्थिति में हूं कि मैं क्या नहीं कर सकता हूं…।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘ किसी भी कलाकार के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपकी परिसीमाएं क्या हैं, आप क्या नहीं कर सकते हैं। वैसा कुछ करने की कोशिश की परवाह ही मत कीजिए क्योंकि यह आपके लिए है ही नहीं।’’
‘रिफ्यूजी’ के बाद बच्चन मणिरत्नम की ‘युवा’ और ‘गुरू’ से लेकर ब्लॉकबस्टर ‘धूम’ और रोमांटिक कॉमेडी ‘बंटी और बबली’ जैसी विविध तरह की फिल्मों में नजर आये।
वह 1992 के देश के सबसे बड़े शेयर घोटाले पर कथित रूप से आधारित ‘बिग बुल’ में नजर आयेंगे। इसके अलावा वह ‘बॉब विश्वास’ में भी नजर आयेंगे।
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