देवास मध्यप्रदेश का प्रमुख ओद्योगिक केंद्र है। कई मल्टीनेशनल कंपिनयां और छोटे-बड़े कारखाने यहां हैं। बावजूद इसके जिले में समस्याओं का अंबार है। सबसे बड़ा संकट पेयजल का है। पिछले 25 सालों से यहां के लोग पीने के पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। खस्ताहाल सड़कें आए दिन लोगों की मुसीबत की वजह बनती हैं। निर्माण कार्य इतनी घटिया क्वालिटी का कि सड़क बनाने के कुछ समय बाद दी उखड़ गईं। और आए दिन सड़क हादसों की वजह बनती हैं। वहीं सीवरेज योजना ने भी पूरे शहर को गड्ढों में तब्दील कर दिया है। ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से बारिश के दिनों में लोगों को काफी परेशानी होती है। शिक्षा की बात करें तो उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं है। उच्च शिक्षा के लिए युवा इंदौर पर निर्भर हैं। स्वास्थ्य सेवाएं भी दम तोड़ती नजर आती हैं। इसके अलावा नेमावर में नर्मदा में अवैध खनन एक बड़ी समस्या है। कानून व्यवस्था के मामले में भी ये जिला बेहतर स्थिति में नहीं है।