पन्ना। कहते हैं भगवान जब देता है तो छप्पर फाड़ के देता है। ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के पन्ना में आज सामने आया है जब मजदूर मोतीलाल प्रजापति को पटी गांव में एक नायाब हीरा मिला। पन्ना जिले के इतिहास के सबसे 2 बड़े हीरो में से एक यह हीरा जेम क्वालिटी का 42 दशमलव 59 कैरेट का है, जिसकी कीमत दो करोड़ से अधिक बताई जा रही है। मजदूर को मिले इस हीरे के बाद इलाके में खुशी का माहौल है और मोती लाल ने अपने परिजनों के साथ पहुंचकर नियम अनुसार यह हीरा सरकारी खजाने में जमा करा दिया है। उसने कहा कि मिलने वाली करोड़ों की रकम से मां-बाप की सेवा करूंगा और बच्चों को पढ़ाउंगा।
पन्ना कलेक्ट्रेट के हीरा कार्यालय में खड़ा मजदूर अपने परिवार के साथ पहुंचा था। उसने पन्ना शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर पटी गांव में डेढ़ माह पूर्व हीरा की खदान लगाई थी। तब से लगातार हीरा खोज रहा था तभी अचानक आज उसकी किस्मत उस समय बदल गई, जब उज्जवल क्वालिटी का सबसे बड़ा हीरा उसके हाथ लगा। हीरा पाते ही मोतीलाल अपने परिजनों के साथ हीरा कार्यालय पहुंचा और यह नायाब हीरा जमा कराया। जैसे ही लोगों को खबर लगी तो पन्ना के लोग इकट्ठे होने लगे और मजदूर को बधाई देने लगे।
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मोतीलाल ने कहा कि परिवार और मेरी खुशी का ठिकाना नहीं है। इस से मिलने वाली करोड़ों की रकम से अपने मां–पिता की सेवा करूंगा और बच्चों को पढ़ाऊंगा। क्योंकि वे इतना ही कहते थे कि मजदूरी से जीवन नहीं बदल सकते और उनकी सलाह पर ही मैंने हीरा की खदान लगाई थी। इस हीरे को पहले हीरा पारखी को दिखाया गया और हीरा शासकीय कार्यालय में जमा कर दिया गया है।
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पारखी कहते हैं कि उज्जवल किस्म का हीरा है और ऐसे हीरे बहुत कम मिलते हैं शासकीय कीमत गुप्त रखी जाती है पर इसकी कीमत करोड़ों रुपए में हो सकती है। उनका कहना है कि देश में हीरा सिर्फ पन्ना में मिलता है इसके पूर्व 1961 में 44 दशमलव 55 कैरेट का हीरा मिला था। रसूल मुहम्मद के बाद मोतीलाल प्रजापति दूसरे शख्स हैं जिन्हें सबसे बड़ा हीरा मिला है। ज्ञात हो कि पन्ना में हीरा उद्योग बंद होने के कगार पर है। अधिकांश हीरा खदानें बंद हो गए हैं ऐसे में इस मजदूर को हीरा मिलने से पन्ना का हीरा अचानक फिर चर्चा में आ गया है।
वेब डेस्क, IBC24