बस्तर। छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद समाप्त करने के लिए पुनर्वास नीति चला रही है। इस नीति के तहत समर्पण करने वाले नक्सलियों को इनाम के साथ-साथ पात्रता अनुसार नौकरी, मकान आदि दिया जाता है । समपर्ण-पुनर्वास नीति का जमीनी हकीकत कोण्डागांव जिला में दिखाई भी देता है, तभी यहां अब तक सैकड़ों नक्सलियों ने नक्सलवाद का राह छोड़ विकास की राह को अपनाया है। इसी नीति के चलते एक महिला अपने नक्सलवाद का दामन थाम चुके पति को समर्पण करवाना चाहती थी।लेकिन जब उसके पति ने उसकी बात नहीं जब उसका पति समर्पण के लिए नहीं माना तो उसने जहर पीकर अपनी जान दे दी।
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घटना मर्दापाल थाना क्षेत्र ग्राम नेड़वाल में 26 मई को घटी है। घटना की पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक डाॅ. अभिषेक पल्लवा ने बताया कि, ग्राम नेड़वाल क्षेत्र में रमेश उर्फ अलियास उर्फ कचरा कोर्राम गोलावांड एलओएस का सक्रिय नक्सली है। उस पर मर्दापाल थाना में कई नामजद मामले भी पंजीबद्ध है। बताया जाता है कि, वह वर्तमान में गोलावांड एलओएस सदस्य पोहड़ू के साथ नक्सल संगठन में कार्य कर रहा है। नक्सल संगठन में रहते हुए वह परिवार से दूर हो चुका है। इसके चलते उसकी पत्नी सोनमती सोरी (30) परेशान रहा करती थी। सोनमती का जब भी रमेश से संपर्क हुआ करता वह उसे नक्सलवाद छोड़ समर्पण करने के लिए कहती थी, ताकि पूरा परिवार विकास की राह पर चल सके। लेकिन वह पत्नी की बात अनसुनी कर दिया करता था, इससें दोनों के बीच कलह भी होने लगी पति को बार-बार समर्पण के लिए मनाने से नहीं मानने पर आखिरकार पत्नी सोनमती ने 26 मई को जहर पीकर आत्महत्या कर ली। फिलहाल मर्दापाल थाना पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना कर रही है।
वेब डेस्क IBC24