Apollo Micro Systems Share: 15 साल का लाइसेंस, बाजार में मंदी और फिर शेयर ने दिखाई रॉकेट की उड़ान, डिफेंस कंपनी ने निवेशकों को किया मालामाल!

डिफेंस कंपनी अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयर मंगलवार को 5% बढ़कर 281.50 रुपये पर पहुंच गए। तेजी का कारण कंपनी को 15 साल का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस मिलना है, जो अनमैन्ड हेलीकॉप्टर्स और डिफेंस एयरक्राफ्ट इक्विपमेंट निर्माण के लिए जारी किया गया है।

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  • Publish Date - December 2, 2025 / 04:57 PM IST,
    Updated On - December 2, 2025 / 05:23 PM IST

(Apollo Micro Systems Share / Image Credit: Meta AI)

HIGHLIGHTS
  • तेज़ उछाल: शेयर मंगलवार को 281.50 रुपये पर पहुंचा।
  • लंबा लाइसेंस: कंपनी को 15 साल का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस मिला।
  • नवीन प्रोडक्ट विस्तार: लाइसेंस से UAS और रडार इक्विपमेंट में विस्तार संभव।

Apollo Micro Systems Share: एयरोस्पेस और डिफेंस क्षेत्र से जुड़ी अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयरों ने कमजोर बाजार के बावजूद मंगलवार को जोरदार तेजी दिखाई। कंपनी का शेयर BSE में करीब 5% की बढ़त के साथ 281.50 रुपये पर बंद हुआ। यह उछाल एक बड़े बिजनेस अपडेट के बाद आया।

15 साल का मिला मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) से 15 साल का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस हासिल किया है। यह लाइसेंस विशेष रूप से अनमैन्ड हेलीकॉप्टर्स और डिफेंस एयरक्राफ्ट इक्विपमेंट के निर्माण के लिए जारी किया गया है। इसमें अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स (UAS) की प्रोडक्शन भी शामिल है।

लाइसेंस से विस्तार के अवसर

इस लाइसेंस के माध्यम से हैदराबाद स्थित कंपनी एडवांस्ड अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स, इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम्स (INS) और रडार इक्विपमेंट के क्षेत्र में विस्तार कर सकेगी। कंपनी का कहना है कि यह कदम उसके हाई-वैल्यू डिफेंस टेक्नोलॉजी पोर्टफोलियो को मजबूत करेगा। लाइसेंस दो डिफेंस कैटेगरी, डिफेंस एयरक्राफ्ट और एलाइड डिफेंस इक्विपमेंट के तहत मैन्युफैक्चरिंग की अनुमति देता है।

पिछले पांच साल में शेयरों का शानदार प्रदर्शन

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयर पिछले पांच साल में 2300% से अधिक बढ़ चुके हैं। 4 दिसंबर 2020 को शेयर 11.58 रुपये पर थे, जबकि 2 दिसंबर 2025 को यह 281.50 रुपये पर बंद हुए। पिछले चार साल में तेजी लगभग 2430%, पिछले तीन साल में तेजी लगभग 930% दर्ज किया गया। अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयर का 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 354.70 रुपये और 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर 92.55 रुपये है।

शेयर स्प्लिट से बढ़ी आकर्षण शक्ति

कंपनी ने अपने शेयर को 10 टुकड़ों में बांटने की प्रक्रिया पूरी की है। मई 2023 में 10 रुपये फेस वैल्यू वाले शेयर को 1 रुपये के 10 शेयरों में विभाजित किया गया। यह कदम निवेशकों के लिए शेयर को और अधिक सुलभ बनाने के मकसद से किया गया।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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अपोलो माइक्रो सिस्टम्स को किस प्रकार का लाइसेंस मिला है?

कंपनी को DPIIT से 15 साल का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस मिला है, जो अनमैन्ड हेलीकॉप्टर्स और डिफेंस एयरक्राफ्ट इक्विपमेंट के निर्माण के लिए है।

लाइसेंस से कंपनी को क्या फायदा होगा?

यह लाइसेंस कंपनी को एडवांस्ड अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स, INS और रडार इक्विपमेंट में विस्तार करने और हाई-वैल्यू डिफेंस टेक्नोलॉजी पोर्टफोलियो बढ़ाने में मदद करेगा।

कंपनी के शेयरों का हालिया प्रदर्शन कैसा रहा है?

कमजोर बाजार के बावजूद शेयर मंगलवार को 5% बढ़कर 281.50 रुपये पर बंद हुए।

पिछले पांच साल में शेयरों की वृद्धि कितनी रही है?

पिछले पांच साल में शेयर लगभग 2300% बढ़ चुके हैं, जबकि पिछले तीन साल में यह 930% बढ़ा है।