(Apollo Micro Systems Share / Image Credit: Meta AI)
Apollo Micro Systems Share: एयरोस्पेस और डिफेंस क्षेत्र से जुड़ी अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयरों ने कमजोर बाजार के बावजूद मंगलवार को जोरदार तेजी दिखाई। कंपनी का शेयर BSE में करीब 5% की बढ़त के साथ 281.50 रुपये पर बंद हुआ। यह उछाल एक बड़े बिजनेस अपडेट के बाद आया।
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) से 15 साल का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस हासिल किया है। यह लाइसेंस विशेष रूप से अनमैन्ड हेलीकॉप्टर्स और डिफेंस एयरक्राफ्ट इक्विपमेंट के निर्माण के लिए जारी किया गया है। इसमें अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स (UAS) की प्रोडक्शन भी शामिल है।
इस लाइसेंस के माध्यम से हैदराबाद स्थित कंपनी एडवांस्ड अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स, इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम्स (INS) और रडार इक्विपमेंट के क्षेत्र में विस्तार कर सकेगी। कंपनी का कहना है कि यह कदम उसके हाई-वैल्यू डिफेंस टेक्नोलॉजी पोर्टफोलियो को मजबूत करेगा। लाइसेंस दो डिफेंस कैटेगरी, डिफेंस एयरक्राफ्ट और एलाइड डिफेंस इक्विपमेंट के तहत मैन्युफैक्चरिंग की अनुमति देता है।
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयर पिछले पांच साल में 2300% से अधिक बढ़ चुके हैं। 4 दिसंबर 2020 को शेयर 11.58 रुपये पर थे, जबकि 2 दिसंबर 2025 को यह 281.50 रुपये पर बंद हुए। पिछले चार साल में तेजी लगभग 2430%, पिछले तीन साल में तेजी लगभग 930% दर्ज किया गया। अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयर का 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 354.70 रुपये और 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर 92.55 रुपये है।
कंपनी ने अपने शेयर को 10 टुकड़ों में बांटने की प्रक्रिया पूरी की है। मई 2023 में 10 रुपये फेस वैल्यू वाले शेयर को 1 रुपये के 10 शेयरों में विभाजित किया गया। यह कदम निवेशकों के लिए शेयर को और अधिक सुलभ बनाने के मकसद से किया गया।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।